Bilaspur District Hospital mismanagement : बिलासपुर जिला अस्पताल में अव्यवस्था से जुड़ा मामला सामने आया है। अव्यवस्था का आलम ये है कि डॉक्टरों को मोबाइल की रोशनी में ऑपरेशन करना पड़ा। जिला अस्पताल में सात जनरेटर मौजूद हैं, लेकिन इनमें से एक ने भी जरूरत पड़ने पर काम नहीं किया।
बिजली न होने की वजह से कई ऑपरेशन टालने पड़े
जानकारी के अनुसार बिलासपुर जिला अस्पताल में नसबंदी के ऑपरेशन के दौरान अचानक बिजली चली गई। बीच ऑपरेशन के दौरान बिजली जाने से गंभीर स्थिति पैदा हो गई।
डॉक्टरों को आनन-फानन में मोबाइल फोन की टॉर्च की मदद से मरीज का ऑपरेशन करना पड़ा। जानकारी के अनुसार अस्पताल में बिजली सप्लाई बाधित होने के बाद नसबंदी सहित अन्य ऑपरेशनों को टालना पड़ा।
जनरेटर में नहीं था डीजल
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि ऑपरेशन थियेटर में पॉवर बैकअप देने के लिए 7 जनरेटर हैं। इनमें से कोई भी जनरेटर काम नहीं आया।
जनरेटर बंद रहने की वजह डीजल न होना बताई जा रही है। ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले ही जिला अस्पताल में दुर्घटनाग्रस्ता एक युवक के इलाज में लापरवाही बरतने की बात सामने आई थी। मीडिया में यह मामला उजागर होने पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है।
कोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में इस केस की सुनवाई शुरू की है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इसके केस की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होनी है।
विधानसभा में उठा था मुद्दा
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान राज्य के हेल्थ सिस्टम को लेकर विधायकों ने सवाल उठाए थे। इस मामले में विपक्ष के साथ ही सत्ताधारी बीजेपी के विधायक भी मुखर होकर बोले थे। हालांकि, राज्य सरकार की ओर से हेल्थ सिस्टम में सुधार का भरोसा दिलाया गया था। इसके बाद राज्य में डॉक्टरों की नियुक्ति भी की गई है।