RAIPUR. छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर सियासत तेज हो गई है। हाल ही में नक्सलियों के मददगारों की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी और कांग्रेस में तलवारें खिंच गई हैं। एक दूसरे पर हमले अब सियासी नहीं रह गए हैं बल्कि व्यक्तिगत हो गए हैं। बीजेपी नेताओं के निशाने पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं। बीजेपी सांसद संतोष पांडे ने बघेल पर गंभीर आरोप लगाए। वहीं पांडे पर बघेल ने भी पलटवार किया। आइए आपको बताते हैं कि किस तरह चल रही है सियासत।
नक्सली भूपेश बघेल के पिता के सलाहकार
बीजेपी सांसद संतोष पांडेय ने मानपुर-मोहला में 5 नक्सललियों और 5 अन्य लोगों की गिरफ्तारी के मामले में कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तीखा हमला बोला। पांडेय ने कहा कि गिरफ्तार लोगों में से एक विवेक सिंह पूर्व मुख्यमंत्री के पिता स्व. नंदकुमार बघेल का सलाहकार रहा है। पांडेय ने कहा कि स्व. बघेल का नक्सलियों के साथ संबंध था। अब पूर्व मुख्यमंत्री बघेल बताएं, ये रिश्ता क्या कहलाता है। पांडेय ने कहा कि टेरर फंडिंग से विवेक के पास 12 ट्रक और पूरे क्षेत्र में ट्रेडिंग का कार्य शुरू किया और विनोद वर्मा के नेतृत्व ने भूपेश बघेल ने अपना चुनाव लड़ा। इसमें बस्तर और मानपुर क्षेत्र में, जहाँ नक्सल गतिविधि अधिक है, वहाँ बीजेपी को वोट कम मिलने का कारण विवेक द्वारा भूपेश बघेल के लिए फंडिग किया जाना रहा।
भूपेश का पांडेय पर पलटवार
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोई भी व्यक्ति स्वर्गवासी हो जाये तो उससे सवाल कैसे कर सकते है जब सवाल का जवाब देने के लिये वो व्यक्ति उपस्थित नहीं है। बीजेपी हमेशा दिवंगतों पर सवाल उठाती रहती है। बीजेपी नेता मेरे पिताजी से सवाल कर रहे है, मूर्खता की हद हो गयी। मेरे पिताजी से राजनीतिक विरोधाभास थे। उनकी लाइन अलग थी, मेरी लाइन अलग थी। वो कहां आते थे, कहां जाते थे। उन्होंने सर्वोदय से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और अंतिम क्षणों में यही बात कर रहे थे कि बुद्ध के बिना पूरी दुनिया में शांति नहीं हो सकती। उस व्यक्ति के बारे में इस प्रकार ओछी बयान देना बताता है कि संतोष पांडेय की मानसिकता क्या है। ऐसी मानसिकता वाले व्यक्ति को मैं कोई जवाब नहीं देना चाहता। घटिया मानसिकता के व्यक्ति है। किसके साथ संबंध है, किसके साथ नहीं। सब लोग जानते है नक्सली बीजेपी के मंत्रियों के बंगले में उनके कार्यालय में हफ्ता वसूली किया करते थे। दिवंगत हो गये उनके बारे में सवाल खड़ा करना बड़े ही दुर्भाग्य की बात है।
बीजेपी के पूर्व मंत्री पर अवैध वसूली का आरोप
भूपेश बघेल ने अपने एक्स एकाउंट पर पोस्ट कर कहा कि ये पांच लोग नक्सलियों के लिए वसूली कर रहे थे तो पूर्व मंत्री महेश गागड़ा के रिश्तेदार पेखन गागड़ा को भी इन्हीं धाराओं में गिरफ़्तार किया जाना चाहिए। इन्हीं धाराओं में महेश गागड़ा और बीजेपी पदाधिकारी लवकुमार रायडू पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
क्रोनोलॉजी समझिए...
- नक्सलियों के लिए लेवी वसूलने के आरोप में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है।
- इन पर आरोप है कि इन्होंने ठेकेदारों से दबाव डालकर वसूली की ताकि नक्सलियों तक राशि पहुंचाई जा सके।
- जिन ठेकेदारों से वसूली के आरोप हैं उनमें से एक गागड़ा के मामले में भी शामिल था।
- इसी ठेकेदार ने पेखन गागड़ा के खाते में लाखों रुपए डलवाए थे।
- 29 मार्च, को बीजापुर के कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने प्रेसवार्ता लेकर सबूत सहित आरोप लगाए थे कि पूर्व मंत्री महेश गागड़ा और बीजेपी के ज़िला उपाध्यक्ष लवकुमार रायडू ने दबाव डालकर ठेकेदार से 91 लाख रुपए अपने रिश्तेदार पेखन गागड़ा के खाते में जमा करवाए। पेखन गागड़ा भैरमगढ़ में रहते हैं।
- नक्सल मामले में किसी को नहीं बख्शा जाना चाहिए, न अभी गिरफ्तार किए गए इन पांच लोगों को और न पेखन गागड़ा को।
- यह गंभीर मामला है, इसमें सरकार और पुलिस को मेरा तेरा नहीं देखना चाहिए, एक जैसे मामले हैं तो एक जैसी कार्रवाई होनी चाहिए।
और जब पुलिस को सारे मामले की जानकारी है तो एनआईए इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।
भूपेश बताएं उनकी सरकार में आबकारी मंत्रालय कौन चला रहा था
वहीं बीजेपी प्रवक्ता अमित साहू ने कहा कि भूपेश बघेल बताएं कि उनकी सरकार में आबकारी मंत्रालय कौन चला रहा था। भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के उसे ताजा खुलासे के मद्देनजर शर्म से गड़ जाना चाहिए जिसमें ईडी ने बताया है कि अनवर ढेबर शराब लॉबी को चलाने वाला सबसे ताकतवर व्यक्ति था और वह तत्कालीन शीर्ष नौकरशाह अनिल टुटेजा के प्रभाव का इस्तेमाल करके शराब के इस पूरे कारोबार को चला रहा था। ईडी ने यह भी बताया है कि अनवर ढेबर "वास्तविक आबकारी मंत्री" बनकर अपने करीबी अफसरों की तैनाती टुटेजा के माध्यम से कराता था। श्री साहू ने कहा भूपेश बघेल जवाब दे उनकी सरकार में आबकारी मंत्रालय कौन चला रहा था। सौम्या चौरसिया के अलावा ऐसे और कितने चेहरे भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में पाले जा रहे थे जो "सुपर सीएम" और "सुपर मिनिस्टर" के तौर पर सरकार को अपनी भ्रष्ट कमाई का हिस्सेदार बनाकर चला रहे थे। ढेबर के खेत से नकली होलोग्राम की बरामदगी पर मुँह में दही जमाए बैठे बघेल 'बीजेपी की प्रदेश सरकार कौन चला रहा है' जैसे वाहियात सवाल उछालकर मातृशक्ति का उपहास उड़ाने और अपने शासनकाल के भ्रष्ट कारनामों पर पर्दा डालने के बजाय इन सवालों का जवाब प्रदेश को दें।
नक्सलियों में दो धड़े : गृह मंत्री
वहीं गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नक्सल कैडर में आपस में भेद उत्पन्न हो गया है । कुछ लोगों को IED विस्फोट में आम नागरिकों के हताहत होने का दुख है । इसलिए उन्होंने माफी नामा भेजा है परंतु वे फंस गए हैं और कुछ अपने स्वार्थ के लिए काम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार उन्हें आश्वस्त करती है कि वे समर्पण करते हैं तो उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा।
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें