छत्तीसगढ़ में सट्टा बाजार का अनुमान, बीजेपी को एक सीट का फायदा कांग्रेस को एक का नुकसान

छत्तीसगढ़ में लोकसभा की कुल 11 सीटें हैं। चुनाव के तीन चरणों में इन पर वोटिंग हो चुकी है। पहले चरण में एक सीट, दूसरे में तीन सीटों और तीसरे चरण में लोकसभा की सात सीटों पर मतदान हुआ। 

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Sandeep Kumar
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अरुण तिवारी @ RAIPUR. देश में राजनीति के साथ सट्टा बाजार पर भी गर्म है। वैसे तो फलौदी के सट्टा बाजार ( Phalodi Satta Bazaar ) ने चुनाव परिणाम के हिसाब से देश भर में राजनीतिक दलों की स्थिति बताई है। लेकिन हम आपको बता रहे हैं छत्तीसगढ़ के हालात। हालांकि ये सब कुछ सट्टा बाजार के अनुमान पर आधारित है। और द सूत्र सट्टा बाजार को प्रोत्साहित नहीं करता है। सट्टा बाजार का अनुमान कितना सही निकलेगा और कितना गलत ये तो अलग बात है लेकिन इसने राजनीति का पारा जरुर बढ़ा दिया है। जिस राजनीतिक दल को सट्टा बाजार फायदा बता रहा है उसकी बांछें खिली हुई हैं और जिसके खाते में नुकसान है उनके मुंह लटके हुए हैं। आइए आपको बताते हैं छत्तीसगढ़ को लेकर क्या कह रहा है सट्टा बाजार। 

बीजेपी को नफा, कांग्रेस को घाटा 

छत्तीसगढ़ में लोकसभा की कुल 11 सीटें हैं। चुनाव के तीन चरणों में इन पर वोटिंग हो चुकी है। पहले चरण में एक सीट, दूसरे में तीन सीटों और तीसरे चरण में लोकसभा की सात सीटों पर मतदान हुआ। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 11 से 9 लोकसभा सीटें हासिल हुई थीं। वहीं कांग्रेस के खाते में दो सीटें बस्तर और कोरबा ही आ पाईं थीं। इस बार सट्टा बाजार का अनुमान है कि बीजेपी को एक सीट का फायदा हो सकता है यानी बीजेपी इस चुनाव में 11 में से 10 सीटें जीतने में कामयाब होगी। वहीं कांग्रेस को एक सीट का नुकसान होगा। इस बार कांग्रेस को महज एक सीट से काम चलाना पड़ेगा। 

किस सीट पर कांग्रेस का पलड़ा भारी 

कांग्रेस किस एक सीट पर जीतने वाली है,यह सट्टा बाजार के अनुमान में साफ नहीं है। हालांकि इस बात को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा जरुर छिड़ गई है। लोग अपने-अपने हिसाब से अनुमान लगा रहे हैं। कुछ कहते हैं कि कांग्रेस जो एक सीट जीतने वाली है वो भूपेश बघेल की राजनांदगांव है। भूपेश बघेल पूर्व मुख्यमंत्री हैं और उनकी जनता के बीच पैठ ज्यादा है। वहीं प्रदेश भर के कार्यकर्ता अपनी-अपनी सीटें छोड़कर भूपेश बघेल के चुनाव प्रचार में ही जुटे थे। इस सीट पर प्रियंका गांधी की सभा भी हुई थी और माना जा रहा है कि प्रियंका का महिलाओं पर असर हुआ है। वहीं कुछ लोग कहते हैं कि इस बार यदि मोदी लहर हुई तो दिग्गजों की सीट भी साफ हो सकती है। हालांकि बस्तर और कांकेर में भी मुकाबला कड़ा है इसलिए लोग इनमें से भी एक सीट का अंदाजा लगा रहे हैं।

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