रायपुर. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। हाल ही में सामने आए किताब घोटाले पर सीएम ने एक्शन लिया है। बीते दिनों छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई शैक्षणिक सत्र 2024-25 की नई किताबों को कबाड़ में बेचे जाने का मामला सामने आया था।
मुख्यमंत्री ने सिलयारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई वर्ष 2024-25 सत्र की नई किताबें के कबाड़ में बेचे जाने की घटना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले को इस घटना की जांच के निर्देश दिए थे।
जांच के बाद छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर प्रेम प्रकाश शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह मामला द सूत्र ने प्रमुखता से उठाया था।
भ्रष्टाचार के खेल में रद्दी में बिकी किताबें
गोदाम में छापा मारकर इस घोटाले का खुलासा करने वाले रायपुर पश्चिम के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने बताया कि रियल बोर्ड पेपर मिल के गोदाम में किताबों की जांच की तो पाया की किताबें इसी सत्र की हैं, और अभी भी पूरी तरीके से अच्छी कंडीशन में हैं। सत्र शुरू हुए अभी कुछ ही महीना हुआ है, और छात्रों को किताबें मिल नहीं पाई है। किताबों को बांटने के पहले कबाड़ में भेज दिया गया है।
इन किताबों को उपयोग में लाया जा सकता है, लेकिन इन्हें रद्दी बताकर बेचा जा चुका है। पूर्व विधायक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में माता सरस्वती का ऐसा अपमान पहले कभी नहीं देखा गया।
ये वही किताबें हैं जो सरकार द्वारा छात्रों को मुफ्त वितरण के लिए खरीदी गई थीं। सरकार ने किताबें खरीदीं, लेकिन उन्हें छात्रों तक पहुंचाने के बजाय कबाड़ में बेच दिया। उन्होंने मामले में बड़े भ्रष्टाचार की आशंका व्यक्त करते हुए मामले की जांच की मांग की है।
सीएम के कड़े तेवर
कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस में कड़े तेवर दिखाने के बाद मुख्यमंत्री ने निलंबन की इस कार्यवाही से यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासनिक लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम का मामला सामने आने पर इस घटना की जाँच का दायित्व मुख्य सचिव के बाद सबसे वरिष्ठ अधिकारी को देना भी यह दिखाता है कि राज्य में अब प्रशासनिक ढिलाई के दिन बीत चुके हैं ।
यदि किसी ने लापरवाही या भ्रष्टाचार किया, तो उस पर कार्यवाही अवश्य होगी। यानी सीएम अब फॉर्म में आ गए हैं। सीएम ने शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों में लापरवाही पर भी कार्रवाई की है। शासकीय दायित्वों के निर्वहन में उदासीनता बरतने वाले लापरवाह अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कारवाई करने के निर्देश दिए हैं।