द सूत्र मनमत सर्वे: CG में आज चुनाव हुए तो 10 में से 4 विधायकों पर हार का खतरा, 43% लोग बोले-तेजी से पैसे वाले बन रहे विधायकों के रिश्तेदार

छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार के दो साल पूरे हुए। 'द सूत्र' के सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे आए। 40% जनता वर्तमान विधायकों से काफी नाराज है। यदि इलेक्शन हुए तो 10 में से 4 विधायकों पर हार का खतरा है। जनता ने सरकार को 2.5 स्टार रेटिंग दी है।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

RAIPUR.द सूत्र मन मत: छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार सत्ता में अपने दो साल पूरे कर चुकी है। दिसंबर 2023 में जब नई सरकार बनी, तब जनादेश सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं था, बल्कि व्यवस्था बदलने की अपेक्षा से भरा हुआ था। जनता ने रफ्तार चाही थी। फैसलों में दम चाहा था और सरकार को जनता के दरवाजे तक आते देखने की उम्मीद की थी। दो साल बाद अब सवाल टालने का वक्त नहीं है। क्या वाकई सरकार जमीन पर उतरी? क्या विकास फाइलों से निकलकर लोगों की जिंदगी में दाखिल हुआ? क्या विधायक सत्ता में आने के बाद भी जनता के बीच खड़े नजर आए या फिर सत्ता का घेरा मोटा होता चला गया?

इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए ‘द सूत्र’ ने डिजिटल सर्वे ‘मन मत’ कराया है। इस सैंपल सर्वे में पूरे प्रदेश की जनता ने बिना लाग-लपेट के अपनी राय रखी है। नतीजों में कहीं भरोसा झलका है तो कहीं नाराजगी सामने आई है। कहीं सरकार के लिए राहत दिखी तो कहीं चेतावनी के साफ संकेत हैं। 

इस सर्वे में छत्तीसगढ़ की सभी 90 विधानसभा सीटों से 17 हजार 850 लोगों ने हिस्सा लेकर सत्ता और विधायकों के कामकाज पर अपनी राय दी है। सर्वे में एक सबसे चौंकाने वाली बताई सामने आई है। सूबे के 40 प्रतिशत लोग ये मानते हैं कि यदि आज की स्थिति में चुनाव होते हैं तो मौजूदा विधायक जीत नहीं पाएंगे, जबकि 43 प्रतिशत का कहना है कि जीत जाएंगे। वहीं, 16 फीसदी वोटर्स इसे लेकर अभी असमंजस में हैं। इसका सीधा सा मतलब है कि मौजूदा समय में यदि इलेक्शन हुए तो 10 में से 4 विधायकों पर हार का खतरा मंडरा रहा है।

सर्वे में सामने आया कि छत्तीसगढ़ के विधायकों की शराब, खदान और जमीनों के मामलों में खासी रुचि रहती है। हां, एक बात जरूर है कि धान के कटोरे में महतारी वंदन और ​नियद नेल्लानार जैसी योजनाओं की प्रगति अच्छी है। लोगों ने कहा कि इन योजनाओं से प्रदेश में बदलाव हो रहा है। 

पढ़िए सर्वे के हर सवाल के नतीजे...

Q1- क्या सरकार ने आपके क्षेत्र में कोई महत्वपूर्ण विकास कार्य कराए हैं?

विकास कार्यों के सवाल पर 39 प्रतिशत लोगों ने माना कि सरकार ने उनके इलाके में बहुत अच्छे विकास कार्य किए हैं। यह वर्ग उन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करता है, जहां सड़क, बुनियादी सुविधाएं, योजनाओं या अन्य विकास गतिविधियों का असर लोगों ने महसूस किया है।

वहीं, 22 फीसदी लोगों का कहना है कि कुछ विकास कार्य तो हुए हैं, लेकिन और बेहतर किया जा सकता था। यानी काम की शुरुआत हुई है, लेकिन अभी बहुत अपेक्षाएं हैं। 32 परसेंट जनता ने साफ कहा कि उनके क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हुए। यह आंकड़ा बताता है कि बड़ी आबादी अब भी बदलाव के इंतजार में है। 7 फीसदी लोग इस सवाल पर कोई स्पष्ट राय नहीं बना पाए। 

Q2- क्या आप अपने विधायक से आसानी से मिल सकते हैं? 

हमारा दूसरा सवाल विधायकों की मिलनसारिता को लेकर था, क्योंकि लोकतंत्र में जनता और विधायक के बीच संपर्क बेहद अहम होता है। इस सवाल के जवाब में 56 परसेंट लोगों ने कहा कि वे कभी-कभार ही अपने विधायक से मिल पाते हैं। यह स्थिति बताती है कि अभी भी विधायकों का जनता से नियमित संवाद नहीं बन पाया है। 37 प्रतिशत जनता का कहना है कि वह अपने विधायक से आसानी से मिल लेती है। 7 फीसदी ने कहा कि विधायक से बिल्कुल भी नहीं मिल पाते। 

Q3- क्या सरकार चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा कर रही हैं?

चुनाव के दौरान किए गए वादे सरकार के लिए सबसे बड़ी कसौटी होते हैं। इस सवाल पर सर्वे में जनता की साफ राय सामने आई है। 44 परसेंट लोगों का मानना है कि सरकार चुनावी वादों को पूरा कर रही है। यह वर्ग उन लोगों का है, जिन्हें सरकार के फैसलों और योजनाओं में वादों की झलक दिखाई देती है। 
20 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सरकार कुछ वादे पूरे कर रही है और कुछ बाकी हैं। 23 प्रतिशत का कहना है कि सरकार वादों को पूरा नहीं कर रही। वहीं, 13 फीसदी लोग इस मुद्दे पर कोई राय नहीं बना पाए।

Q4- विधायकों की ईमानदारी के बारे में आपका क्या विचार है?

हमारा अगला सवाल आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत ईमानदारी से जुड़ा था। क्या विधायक ईमानदार होते हैं? इस सवाल के जवाब में 42 फीसदी लोगों का कहना है कि उनके विधायक ईमानदार हैं। इसके उलट 39 प्रतिशत लोगों का मानना है कि उनका विधायक ईमानदार नहीं है। 19 परसेंट लोग इस सवाल पर असमंजस में रहे। 

Q5- अगर आज चुनाव हुए तो क्या आपके वर्तमान विधायक दोबारा जीत पाएंगे? 

द सूत्र के सर्वे का यह सवाल सीधे राजनीतिक माहौल की नब्ज टटोलता है। छत्तीसगढ़ के 43 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अगर आज चुनाव हुए तो उनके वर्तमान विधायक दोबारा जीत पाएंगे। वहीं, चौंकाने वाली बात यह है कि 40 परसेंट वोटर्स का कहना है कि विधायक जी दोबारा चुनाव लड़े तो हार जाएंगे। 17 प्रतिशत लोग इस पर कोई राय नहीं दे पाए। यह आंकड़े बताते हैं कि जनमत पूरी तरह एकतरफा नहीं है।

Q6- क्या आप अपने विधायक या सरकार के बारे में सोशल मीडिया पर या आपसी बातचीत में खुलकर बोल पाते हैं? 

आज के दौर जब अभिव्यक्ति की आज दबाई जा रही है, तब छत्तीसगढ़ से तनिक सुखद तस्वीर सामने आती है। 'द सूत्र' के सवाल पर CG के 53 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे विधायक के खिलाफ खुलकर अपनी बात रख पाते हैं। 15 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे ऐसा नहीं कर पाते, जबकि 32 प्रतिशत लोग इस सवाल पर स्पष्ट राय नहीं दे सके। 

Q7- विधायकों की किन मामलों में खासी रुचि रहती है? 

हमनें जनता से पूछा कि आपके विधायक की किन मामलों में ज्यादा रुचि रहती है। इसके जवाब में छत्तीसगढ़ के 32 प्रतिशत लोगों ने कहा कि विधायकों की सबसे ज्यादा रुचि जमीन से जुड़े मामलों में रहती है। 26 प्रतिशत ने खदान, 23 फीसदी ने शराब से जुड़े मामलों का जिक्र किया। 9 परसेंट लोगों का कहना है कि विधायकों की शराब, खदान, जमीन जैसे सभी मामलों में रुचि रहती है। 5 प्रतिशत ने अपराधियों को संरक्षण की बात कही, जबकि 5 प्रतिशत कोई राय नहीं बना पाए।

Q8- क्या विधायकों के रिश्तेदार तेजी से पैसे वाले बन रहे हैं?

सत्ता के साथ रिश्तेदारों की स्थिति को लेकर सवाल अक्सर उठते हैं। द सूत्र के सर्वे में 43 प्रतिशत लोगों का मानना है कि विधायकों के रिश्तेदार तेजी से पैसे वाले बन रहे हैं। 29 प्रतिशत ने इस बात से इनकार किया, जबकि 28 फीसदी लोग इस पर कोई राय नहीं दे पाए। 

Q9- सरकारी योजनाएं: कहां संतोष, कहां असंतोष

सरकार की प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर भी अलग-अलग तस्वीर सामने आई-

महतारी वंदन योजना को 32 प्रतिशत ने संतोषजनक और 21 प्रतिशत ने बहुत संतोषजनक बताया। 20 परसेंट लोग असंतुष्ट नजर आए, जबकि 27 प्रतिशत ने राय नहीं दी।

कृषक उन्नति योजना में 30 प्रतिशत संतोषजनक, 18 फीसदी बहुत संतोषजनक, 23 परसेंट असंतोषजनक और 29 प्रतिशत ने कह नहीं सकते कहा।

दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना को लेकर संतोष और असंतोष लगभग बराबरी में नजर आया। 28 प्रतिशत संतोषजनक, 17 प्रतिशत बहुत संतोषजनक, 27 परसेंट असंतोषजनक और 28 फीसदी अनिश्चित दिखे।

बिजली बिल हाफ योजना में सबसे ज्यादा 39 प्रतिशत लोग ऐसे रहे, जिन्होंने राय नहीं दी। 22 प्रतिशत संतोषजनक, 18 प्रतिशत बहुत संतोषजनक और 21 प्रतिशत असंतोषजनक रहे।

नियाद-नेल्लानार योजना को लेकर अपेक्षाकृत बेहतर प्रतिक्रिया दिखी। 38 प्रतिशत लोगों ने इसे संतोषजनक बताया। 22 फीसदी ने बहुत संतोषजनक करार दिया। 26 परसेंट लोगों ने असंतोषजनक और 14 प्रतिशत अनिश्चित रहे।

सरकार को मिले कितने स्टार

सर्वे का अंतिम सवाल सरकार के कुल प्रदर्शन पर था। काम के आधार पर जनता ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार को 5 में से औसतन 2.5 स्टार दिए। यह रेटिंग न पूरी तरह संतोष की कहानी कहती है, न पूरी तरह असंतोष की। यह उन अनुभवों का औसत है, जहां कुछ क्षेत्रों में काम दिखा, कुछ में उम्मीदें अधूरी रहीं और कई सवाल अभी भी जनता के मन में हैं। 

द सूत्र मन मत सर्वे बताता है कि छत्तीसगढ़ में सरकार के कामकाज को लेकर जनता का नजरिया बहुआयामी है। संतोष, असंतोष और अनिश्चितता...तीनों ही इस मन मत हिस्सा हैं।

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