रायपुर. छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों का जाल लगातार फैलता जा रहा है। पिछले तीन साल में ही 37 नई कंपनियों ने यहां पर अपने पैर पसार लिए हैं। ये कंपनियां लोगों की खून पसीने की कमाई हड़प रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले तीन साल में 11 हजार लोगों को 65 करोड़ का चूना लगाया है। ये मामले सिर्फ तीन साल के हैं।
अब तक तो ये आंकड़ा 700 करोड़ से उपर जा चुका है। तीन साल में 11 हजार लोगों की ठगी करने वाली इन कंपनियों के एक भी कर्ता धर्ता को सजा नहीं मिली है। आइए आपको बताते हैं किस तरह से चिटफंड करने वाली कंपनियां लोगों से चीटिंग कर रही हैं।
कानून के हाथों से लंबे चिटफंड के हाथ !
कहा जाता है कि कानून के हाथ बहुत लंबे हैं और उनसे कोई अपराधी नहीं बच सकता। लेकिन छत्तीसगढ़ में शायद कानून के हाथों से ज्यादा लंबे चिटफंड की कंपनियों के हाथ हैं। जो कानून के सामने लोगों की जेब से पैसे निकाल रही हैं। द सूत्र ने इन चिटफंड कंपनियों के मायाजाल की पड़ताल की तो पीड़ितों की ठगी की कहानी सामने आ गई। द सूत्र ने पिछले तीन साल के मामलों की पड़ताल की।
3 साल में 65 करोड़ की ठगी
पिछले तीन साल में यानी साल 2021 से 2024 तक छत्तीसगढ़ में 37 नई चिटफंड कंपनियों ने अपने पैर पसारे हैं। इन कंपनियों ने देखते देखते ही लोगों को अपने जाल में फंसा लिया और सरकार,प्रशासन और पुलिस कुछ नहीं कर पाई। तीन सालों में इन 37 कंपनियों ने 11 हजार 315 लोगों को चूना लगा दिया। थोड़ा सा लालच देकर इन कंपनियों ने इन लोगों के 65 करोड़ 64 लाख 13 हजार 773 रुपए ठग लिए। लोग जब परेशान हुए तो इन कंपनियों के खिलाफ 44 प्रकरण दर्ज किए गए। इनमें से एक पर भी दोष सिद्ध नहीं हुआ है। यानी इनमें से किसी से न तो वसूली हो पाई और न ही कोई जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा।
चिटफंड की अब तक की स्थिति
ये तो महज तीन साल की कहानी थी लेकिन द सूत्र ने अब तक के प्रकरणों में पुलिस की कार्रवाई की पड़ताल भी की।
_ अब तक 286 प्रकरणों में 96 चिटफंड कंपनियों की 677 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने के लिए चिन्हित की गई है।
_ 101 प्रकरणों में कुर्की के अंतिम आदेश की कार्यवाही की गई।
_ 185 मामलों में कुर्की की कार्यवाही लंबित है।
_ अब तक 68 प्रकरणों में पुलिस 700 करोड़ में से महज 98 करोड़ रुपए ही वसूल कर पाई है।
_ इनमें 73 हजार लोगों को 44 करोड़ रुपए ही लौटाए गए हैं।
कुर्की करने में क्यों हो रही ढिलाई
यहां पर सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर संपत्ति कुर्क करने की कार्यवाही में इतनी ढिलाई क्यों हो रही है। वे 185 कौन सी कंपनियां हैं जिनके मामले सालों से लंबित पड़े हैं। इस बारे में गृह मंत्री विजय शर्मा का कहना है कि यह न्यायालयीन कार्यवाही है और इसमें समय तो लगता है। यहां पर एक और सवाल सबके सामने है कि कब तक लोग इन चिटफंड कंपनियों के जाल में फंसते रहेंगे और कब तक ये चिटफंड कंपनियां लोगों के जेब से पैसे निकालती रहेंगी।