RAIPUR. चुनावों के समय बीजेपी ने 18 लाख पीएम आवास देने का वादा किया। बीजेपी नेताओं ने कहा कि भूपेश सरकार के कारण गरीबों को प्रधानमंत्री आवास से वंचित होना पड़ा है अब उनको 18 लाख आवास मिल जाएंगे, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। इन 18 लाख आवासों में से केंद्र सरकार ने 15 लाख आवास अभी मंजूर ही नहीं किए हैं। ये आवास अभी वेटिंग लिस्ट में ही हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिल्ली जाकर ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से गुहार लगाई कि उनके लिए 15 लाख घर मंजूर कर दें। अब देखते हैं कि इस वादे को पूरा करने के लिए शिव, विष्णु को कितना इंतजार कराते हैं क्योंकि अभी तो पीएम आवास में 15 लाख की वेटिंग है।
सीएम बोले- अभी तक नहीं मिली मंजूरी
दिल्ली में कृषि भवन में सीएम ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मीटिंग की। बैठक में मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री आवास योजना में लंबित 15 लाख 18 हजार परिवारों को अभी तक आवास की स्वीकृति नहीं मिली है। इसमें 6 लाख 99 हजार परिवार योजना की स्थायी प्रतीक्षा सूची में हैं और 8 लाख 19 हजार परिवार आवास प्लस में शामिल हैं। पहले योजना के लिए राज्य का हिस्सा नहीं मिलने के कारण यह समस्या बनी रही। मुख्यमंत्री ने जल्द आवास मंजूर करने का अनुरोध किया, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने कार्रवाई किए जाने की बात कही है।
सरकार ने माना पीएम आवास के लिए नहीं मिला एक भी रुपया : कांग्रेस
वहीं पीएम आवास के मसले पर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि विधानसभा में उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने माना है कि केंद्र ने प्रधानमंत्री आवास के लिए 1 रुपए भी नहीं दिया है। बैज ने कहा कि जब राज्य में कांग्रेस की भूपेश सरकार थी तब मोदी सरकार ने राज्य के 7 लाख आवासों को रद्द कर दिया था। यह तर्क दिया था कि राज्यांश देरी से जमा हुआ है। जबकि राज्य सरकार ने 800 करोड़ राज्यांश जमा किया था। उस समय राज्य को केंद्र से 50 हजार करोड़ विभिन्न मदों में लेना था। छत्तीसगढ़ ही नहीं तब आधा दर्जन राज्यों के मकान रद्द किए गए थे। तब भूपेश सरकार ने अपनी तरफ से नये सिरे से मकानों की स्वीकृति दी थी। 7 माह में साय सरकार ने एक भी नया प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत नहीं किया है।
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