उचित शर्मा@रायपुर.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या के समाधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति देखने को मिली है। विशेष रूप से बस्तर क्षेत्र, जो लंबे समय से नक्सलवाद से प्रभावित था, अब सुरक्षा और विकास के लिहाज से बेहतर स्थिति में है।
साय सरकार ने इस जटिल समस्या से निपटने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं, जिससे इन क्षेत्रों में स्थिति में सुधार हुआ है। यह सरकार की एक प्रमुख सफलता मानी जा सकती है, क्योंकि नक्सलवाद का समाधान राज्य की स्थिरता और विकास के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है।
फिर भी, सरकार की छवि पूरी तरह से सकारात्मक नहीं बन पाई है। अफसरशाही की कार्यशैली में अभी भी पुराने कांग्रेस शासनकाल की तरह की समस्याएं देखी जा रही हैं। लापरवाही, भ्रष्टाचार और नागरिक समस्याओं के समाधान में देरी जैसे मुद्दे बरकरार हैं।
इसके अतिरिक्त, कर्मचारियों के बीच असंतोष भी बढ़ रहा है। संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वादा, और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण जैसे मुद्दों पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव सरकार ने अब तक ठोस समाधान नहीं निकाला है।
युवाओं को रोजगार देने के वादे भी पूरे नहीं हुए हैं, और पुलिस एसआई भर्ती का परिणाम भी अभी तक जारी नहीं हुआ है। इन मुद्दों के कारण, सरकार की कार्यक्षमता और प्रभावशीलता पर नागरिकों की संतुष्टि का स्तर कितना रहेगा, यह भविष्य में देखा जाएगा।
लेखक छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक और 'द रूरल प्रेस' के हेड हैं। लेख में उनके निजी विचार हैं।