बिचौलियों के बिना किसान बेच सकेंगे अपनी फसल, जानिए क्या है साय सरकार का अहम फैसला

किसान और व्यापारी बिना रजिस्ट्रेशन के भी राष्ट्रीय कृषि बाजार के एक ही प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगे। इससे किसानों को अपनी फसल का अधिक दाम मिल पाएगा। इसके अलावा कैबिनेट ने पहले सप्लीमेंटरी बजट को भी मंजूरी दे दी है। 

Advertisment
author-image
Arun tiwari
एडिट
New Update
Chhattisgarh CM Vishnudev Sai cabinet meeting decision
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

रायपुर. साय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। सरकार ने कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन किया है। इस संशोधन के बाद किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बिचौलियों से मुक्ति मिल जाएगी। किसान और व्यापारी बिना रजिस्ट्रेशन के भी राष्ट्रीय कृषि बाजार के एक ही प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगे। इससे किसानों को अपनी फसल का अधिक दाम मिल पाएगा। इसके अलावा कैबिनेट ने पहले सप्लीमेंटरी बजट को भी मंजूरी दे दी है। 

कैबिनेट के अहम फैसले : 

_ प्रथम अनुपूरक अनुमान वर्ष 2024-2025 को विधानसभा में पेश करने के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रस्ताव को मंजरी। 

_ किसानों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य प्राप्त हो, इसके लिए छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन किए जाने का फैसला। 

_ छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन होने से  दूसरे प्रदेश के मंडी बोर्ड या समिति के रजिस्टर्ड किसान, व्यापारी भारत सरकार द्वारा संचालित ई-नाम पोर्टल (राष्ट्रीय कृषि बाजार) के जरिए अधिसूचित कृषि उपज की खरीदी-बिक्री बिना पंजीयन के कर सकेंगे। इससे छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों और विक्रेताओं को अधिकतम मूल्य मिल पाएगा। 

_ संशोधन प्रस्ताव के अनुसार मंडी फीस के स्थान पर अब मंडी फीस तथा कृषक कल्याण शुल्क शब्द जोड़ा जाना प्रस्तावित है। संशोधन प्रस्ताव के अनुसार कृषक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए मंडी बोर्ड अपनी सकल वार्षिक आय की 10 प्रतिशत राशि छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि में जमा करेगा। इस निधि का उपयोग नियमों में शामिल प्रयोजनों के लिए किया जा सकेगा। 

_ छत्तीसगढ़ राज्य के नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आबंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन और भूमि स्वामी को हक प्रदान करने के संबंध में मंत्रिपरिषद ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए इस संबंध में पूर्व में जारी निर्देश और परिपत्रों को निरस्त कर दिया है। 

_ राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन, शासकीय भूमि के आबंटन एवं वार्षिक भू-भाटक के निर्धारण एवं वसूली प्रक्रिया संबंधी 11 सितम्बर 2019 को जारी परिपत्र, नगरीय क्षेत्रों में प्रदत्त स्थायी पट्टों का भूमिस्वामी हक प्रदान किए जाने संबंधी 26 अक्टूबर 2019 को जारी परिपत्र, नजूल के स्थायी पट्टों की भूमि को भूमिस्वामी हक में परिवर्तित किए जाने के लिए 20 मई 2020 को जारी परिपत्र तथा नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आबंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन और भूमि स्वामी हक प्रदान करने के संबंध में 24 फरवरी 2024 को जारी परिपत्र शामिल हैं।

 

_ इन प्रपत्रों के अंतर्गत जारी आदेशों के तहत आबंटित भूमि की जानकारी राजस्व विभाग की वेबसाईट में प्रदर्शित की जाएगी और इस विषय में कोई भी आपत्ति और शिकायत प्राप्त होने पर संभागीय आयुक्त द्वारा इसकी सुनवाई की जाएगी।



_ मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2024 के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। जीएसटी कॉउंसिल द्वारा इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर के संबंध में आगत कर प्रत्यय लिये जाने के प्रावधान को युक्तियुक्त बनाने एवं पान मसाला, गुटखा इत्यादि के विनिर्माण में लगने वाले मशीनों के रजिस्ट्रीकरण के लिए अधिनियम में कुछ संशोधन का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय के परिपेक्ष्य में केन्द्रीय माल और सेवा कर संशोधन अधिनियम 2024, 15 फरवरी 2024 अधिसूचित है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम 2017 में भी  संशोधन किया जाना प्रस्तावित किया गया है।  



_ छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग का 22वां वार्षिक प्रतिवेदन (01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक की अवधि के लिए) विधानसभा के पटल पर रखे जाने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को अधिकृत किया गया।

साय सरकार विष्णुदेव साय सरकार छत्तीसगढ़ कैबिनेट मीटिंग