कोयला घोटाले के आरोपी सूर्यकांत ने ACB चीफ अमरेश पर लगाए गंभीर आरोप, जेल से वकील के जरिए रखा अपना पक्ष

कोयला घोटाले के आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने अमरेश मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एसीबी चीफ ने धमकी देकर कहा, बयान दो कि कोल परिवहन में हुए भ्रष्टाचार का पैसा सौम्या के जरिए भूपेश बघेल के पास गया, स्पेशल कोर्ट को दिया आवेदन... 

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Arun tiwari
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RAIPUR. कोयला घोटाले के आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने एसीबी चीफ अमरेश मिश्रा ( ACB Chief Amresh Mishra ) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जेल में बंद सूर्यकांत तिवारी ने स्पेशल कोर्ट को अपने वकील फैजल रिजवी के जरिए आवेदन भेजा है। आवेदन की कॉपी द सूत्र के पास है। एडवोकेट फैजल रिजवी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आवेदन में कहा गया है कि अमरेश मिश्रा ने उनको धमकाया है कि वे बयान दें कि कोल परिवहन में हुए भ्रष्टाचार का पैसा सौम्या चौरसिया के जरिए भूपेश बघेल के पास गया है। आवेदन में ये भी लिखा है कि मिश्रा ने उनको धमकी दी है कि यदि ये बयान नहीं दिया तो इसका परिणाम उनके परिवार को भुगतना पड़ेगा। धमकी में ये भी कहा है कि तुमको,सौम्या को और भूपेश बघेल को अदालत से सजा दिलवाकर रहूंगा। सूर्यकांत तिवारी पर कोयला घोटाले के किंगपिन होने का आरोप है। तिवारी सेंट्रल जेल रायपुर में बंद हैं। 

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यह लिखा है तिवारी के आवेदन में 

आवेदक के अधिवक्ता 9 सितंबर 2024 को उनसे मिलने जेल गए थे जहां पर आवेदक ने बताया कि 8 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजे जेल प्रशासन की ओर से आवेदक को जेल अधीक्षक के कक्ष में पहुंचने के लिए सूचना मिली थी। अधीक्षक के कक्ष में प्रवेश किया तो देखा कि एसीबी चीफ अमरेश मिश्रा कमरे में बैठे थे। अमरेश मिश्रा ने उनसे कहा कि 14 दिन की रिमांड पर मुझे मूर्ख बनाते रहे हो। तुम यह अच्छे से जान लो कि सौम्या चौरसिया खत्म हो चुकी है। भूपेश बघेल कभी सीएम नहीं बनने वाला है। भले ही अगले चुनाव में कांग्रेस की सरकार ही क्यों न बन जाए। तुम्हे अभी कोई बचाने वाला नहीं है। बेहतर यह है कि तुम यह कह दो कि कोयला परिवहन में हुए भ्रष्टाचार का पूरा पैसा सौम्या चौरसिया के जरिए भूपेश बघेल को गया है। 

1. आवेदक ने वकील को यह भी बताया कि उसने अमरेश मिश्रा से विनय पूर्वक कहा कि उसने पूर्व में ही उनको बता चुका है कि वो न तो किसी घोटाले में शामिल है। और न ही सौम्या चौरिसया और भूपेश बघेल के द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने के संबंध में कोई जानकारी है। इसे सुनते हुए अमरेश मिश्रा गुस्से में आ गए। और उन्होंने कहा कि तुम्हे में डीएमएफ और दूसरे घोटालों के आरोप में फंसा दूंगा। तुम जिंदगी भर जेल में सड़ोगे। तुमको कोई बचा नहीं पाएगा। लोकल कोर्ट और हाईकोर्ट से भी तुम्हे कोई राहत नहीं मिलेगी। हम जैसा चाहेंगे वैसा होगा। 

2. आवेदक ने अपने वकीलों को यह भी बताया कि अमरेश मिश्रा ने उससे यह भी कहा कि तुम यह भी देख लेना कि मैं अपने कार्यकाल में ही तुमको, सौम्या और भूपेश बघेल को रायपुर न्यायालय से सजा दिलाकर रहूंगा। तुम देख ही रहे हो कि तुम दो साल से जेल में हो। तुम लोगों को कोई नहीं छुड़ा पाएगा। तुम्हारे दो भाई भी गिरफ्तार भी हो गए हैं। बाकी परिवार के सदस्यों का भी वही हाल करुंगा। 

3. वो लगातार विनम्रता से अनुरोध कर रहा था उसके बाद भी अमरेश मिश्रा उसको गंदी गालियां दे रहे थे और धमकाते हुए कह रहे थे कि तुम्हारा भाई रजनीकांत एसीबी की कस्टडी में है। उसके साथ जो व्यवहार होगा उसकी जानकारी भी तुमको मिल जाएगी। 

4. अमरेश मिश्रा की प्रताड़ना से उसकी सहनशक्ति खत्म हो गई। उनसे कहा कि आप सक्षम हैं आप मेरे पूरे परिवार के सदस्यों को झूठे प्रकरण में फंसा देंगे तो मेरे जीवित रहने का कोई मतलब ही नहीं रहेगा। 

5. अमेरश मिश्रा, एसीबी से संबंधित प्रकरणों में जेल में बंद आरोपियों से तीन से चार महीनों से जेल के अंदर आते रहे हैं। और आरोपियों को डराते और धमकाते हैं। इसीलिए किसी ने इस संबंध में अदालत को शिकायत करने की हिम्मत नहीं की। मुझे यह भी डर है कि यदि वो अमरेश मिश्रा की बात नहीं मानेगा तो आवेदक के परिवार के अन्य सदस्यों के साथ कोई भी अनहोनी घटना हो सकती है। इसीलिए वो परेशान है। 

6. उसका परिवार असुरक्षित है। उसके और उसके परिवार के साथ कोई भी क्षति पहुंचाई जा सकती है। और अगर ऐसी कोई क्षति होती है तो उसके लिए अमरेश मिश्रा ही जिम्मेदार होंगे। 

7. आवेदक न्यायालय की अभिरक्षा में है। इसलिए किसी भी जांच संस्था,पुलिस अधिकारी को उससे मिलना है तो संबंधित न्यायालय की अनुमति के बिना नहीं मिला जा सकता।

8. न्यायालय से विनम्र आग्रह है कि जेल के गेट में लगे कैमरे का पिछले 15 दिन का फुटेज बुलाकर माननीय न्यायालय स्वयं आंकलन करें कि कौन कौन लोग आवेदक के द्वारा बताई गई तिथी में जेल के मुख्य द्वार के अंदर आए हैं। और आवेदक की शिकायत का इससे आंकलन हो सकेगा। अदालत से यह भी निवेदन है कि जेल के आगंतुक रजिस्टर की भी जांच कराई जाए। जिससे ये सच्चाई सामने आ सके कि जो व्यक्ति जेल परिसर के अंदर आए हैं उनका फुटेज दिख रहा है। उन्होंने नियमानुसार अनुमति और जेल रजिस्टर में उनके नाम लिखे गए है या नहीं। आवेदक वर्तमान में न्यायालय की अभिरक्षा में जेल में है। और उसके प्रकरण पर विचार होना अभी बाकी है। 

9. आवेदक माननीय न्यायालय के सामने स्वयं उपस्थित होकर उनके पक्ष को और उनके साथ जेल में जो व्यवहार हुआ है उसे मौखिक रुप से बताना चाहता है। 

10. अत: माननीय न्यायालय से निवेदन है कि आवेदक के साथ जो असंवैधानिक कृत्य हुए हैं। इसकी सच्चाई जानने के लिए जेल अधिकारियों से पिछले पंद्रह दिनों का सीसीटीवी फुटेज और पिछले कुछ दिनों का आगंतुक रजिस्टर बुलाया जाए और जेल अधिकारियों को नियमानुसा अपना कार्य करने का निर्देश दिए जाए। और आवेदक के साथ जो असंवैधानिक कृत्य हुआ है उसकी जांच करवा कर उचित कार्यवाही करने की कृपा की जाए।

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