रायपुर. नगरीय निकाय चुनाव के पहले कांग्रेस में टॉप टू बॉटम बड़ा बदलाव होने जा रहा है। विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार से उबरकर पार्टी निकाय चुनाव मे जुटना चाहती है।
यही कारण है कि कांग्रेस में उपर से नीचे तक के अधिकांश चेहरे बदले जाएंगे। कांग्रेस में अपने फ्रंटल ऑर्गनाइजेश में भी बदलाव करने की तैयारी कर रही है। यानी कांग्रेस का महिला, किसान, आदिवासी और छात्र चेहरे बदलेंगे। कांग्रेस ने नए चेहरों की तलाश शुरु कर दी है। कांग्रेस को लगता है कि पार्टी की नाक बचाने के लिए अब निकाय चुनाव ही एकमात्र सहारा हैं।
कांग्रेस के लिए निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में जीत ही संजीवनी का काम कर सकती है। विधानसभा चुनाव के पहले पीसीसी के अध्यक्ष दीपक बैज के लिए भी यह मौका अपनी प्रतिष्ठा बचाने का है। दीपक बैज अभी तक अपनी कार्यकारिणी भी नहीं बना पाए हैं। इस बदलाव के साथ उनकी कार्यकारिणी का चेहरा भी सामने आ जाएगा।
8 साल बाद बदलेगा महिला चेहरा
8 साल बाद प्रदेश कांग्रेस अपना चेहरा बदलने जा रही है। पिछले आठ साल से फूलोदेवी नेताम ही प्रदेश में महिला कांग्रेस की बागडोर संभाल रही हैं। वे अभी राज्यसभा सदस्य भी हैं। विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया था लेकिन पार्टी ने उनको काम करने लिए कहा था। तब से फूलोदेवी नेताम ही महिला कांग्रेस का चेहरा बनी हुई हैं।
अब पार्टी महिला कांग्रेस के लिए किसी नए चेहरे की तलाश में हैं। निकाय चुनाव जीतने के लिए महिला कांग्रेस की बड़ी भूमिका रहती है। यही कारण है कि पार्टी महिला कांग्रेस को फिर से सक्रिय करने जा रही है।
खाली पड़ी है किसान कांग्रेस
कांग्रेस की सबसे अहम विंग किसान कांग्रेस खाली पड़ी हुई है। यह बिना अध्यक्ष के ही काम कर रही है। अप्रैल में किसान कांग्रेस के अध्यक्ष रामविलास साहू ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने उद्देश्यों से भटक गई है और उसका हिंदू विरोधी चेहरा सामने आ रहा है। तब से पार्टी की किसान विंग बिना अध्यक्ष के है। अब कांग्रेस जल्द ही नए किसान कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति करने जा रही है।
आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष बने विधायक
अब कांग्रेस आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष भी बदलने जा रही है। आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष जनक ध्रुव अब विधायक बन चुके हैं। पार्टी एक व्यक्ति एक पद के आधार पर अब काम का बंटवारा करने जा ही है। इसीलिए नए युवा चेहरे की तलाश है। कांग्रेस युवा चेहरे को आदिवासी कांग्रेस की कमान देकर निकाय चुनाव में जुटाना चाहती है।
आदिवासी कांग्रेस के अलावा एनएसयूई में भी बदलाव होगा। कांग्रेस कुछ जिला अध्यक्षों को भी हटाने जा रही है। ऐसे नेता जो सिफारिश के आधार पर पद लेकर बैठे हैं और चुनावों में सक्रिय नहीं रहे, उनको भी हटाया जा रहा है।