रायपुर. कांग्रेस ने प्रदेश की बीजेपी सरकार के खिलाफ अगस्त क्रांति का ऐलान किया है। इसके तहत कई आंदोलन किए जाएंगे।
16 अगस्त को कांग्रेस प्रदेश के सभी जिला और ब्लॉक मुख्यालय में गौ सत्याग्रह करेगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने मीडिया से रुबरु होते हुए कहा कि प्रदेशभर में हो रही गायों की मौत और खुले मवेशियो के कारण सड़कों पर हादसे हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार आने के बाद से प्रदेश में गौवंश बदहाल है। कांग्रेस की सरकार के द्वारा संचालित गोधन न्याय योजना को बंद करके गौवंशी पशुओं को सड़क पर बेमौत मरने छोड़ दिया गया है।
कांग्रेस पार्टी सरकार को यह चेतावनी देती है कि 15 अगस्त तक आवारा पशुओं के संबंध में सरकार कोई ठोस निराकरण करें। यदि सरकार आवारा पशुओं का कोई समाधान नहीं करेगी तो 16 अगस्त को कांग्रेस गौ सत्याग्रह करेगी। हम प्रदेश के सभी जिला कार्यालय, एसडीएम कार्यालय समेत सभी सरकारी दफ्तरों में गायों को छोड़ देंगे।
14 अगस्त को प्रदेश के सभी वार्डों, गांवों में संविधान यात्रा
आजादी की 77वीं वर्षगांठ के पूर्व 14 अगस्त को कांग्रेस पार्टी प्रदेश के सभी गांवो वार्डो में संविधान यात्रा के रूप में प्रभात फेरी निकालेगी।
देश के संविधान की रक्षा की प्रतिज्ञा ली जायेगी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन “वैष्णव जन” का गान होगा। इस प्रभात फेरी में भारत के संविधान, तिरंगा ध्वज और बापू का चित्र लेकर कांग्रेस जन चलेंगे।
बिजली की बढ़ी दरें वापस ले सरकार
दीपक बैज ने कहा कि एक सप्ताह से अधिक दिनों से राज्य की स्टील ईकाइयां बंद है जिसके कारण इनमें काम करने वाले 2 लाख से अधिक मजदूरों, ट्रांसपोर्टरों और इन उद्योगो से जुड़े अन्य लोगो के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
सात माह की बीजेपी सरकार ने न सिर्फ उद्योगों को बल्कि आम आदमी की बिजली के दामों को भी बढ़ा दिया है। लोहा उद्योग छत्तीसगढ़ की रीढ़ है और उनकी बिजली महंगी करना विष्णुदेव सरकार गलत निर्णय है।
घोषित तौर पर सरकार का दावा है कि 8 प्रतिशत घरेलू बिजली के दाम बढ़े हैं, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले दो माह से सभी के घर का बिजली बिल दुगुना आ रहा है। सरकार बिजली की बढ़ी दरें वापस लेना चाहिए।
नगरीय निकायों में अध्यक्षों से वित्तीय अधिकार वापस लेना अलोकतांत्रिक
बैज ने कहा कि बीजेपी सरकार चुने हुये जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन कर रही हैं। दुर्भाग्यजनक है कि लोकतांत्रिक प्रणाली से चुनकर सरकार में बैठे हुये लोग प्रजातांत्रिक तरीके से चुने हुये जनप्रतिनिधियों के अधिकारों में कटौती कर रहे है।
अब नगर पालिका, नगर पंचायतों में अध्यक्षों को चेक पर हस्ताक्षर करने के अधिकार को वापस ले लिया गया है। यह अधिकार अब मुख्य नगर पालिका अधिकारी को दे दिया गया है। प्रदेश के अधिकांश निकायों में कांग्रेस के अध्यक्ष चुनकर आये है। इसलिये दुर्भावना पूर्वक सरकार ने यह निर्णय लिया है।
विश्व आदिवासी दिवस के दिन आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर हो
9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस है। मै सभी प्रदेश वासियों को शुभकामना देता हूं। आदिवासियों का संवैधानिक अधिकार पिछले डेढ़ साल से राजभवन में लंबित है। अब प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री भी है।
हम सरकार से मांग करते है कि छत्तीसगढ़ का आरक्षण संशोधन विधेयक जो पूर्ववर्ती सरकार ने विधानसभा से पारित करवा कर राजभवन भेजा था, उस पर हस्ताक्षर करने राजभवन से आग्रह करे।
प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है फिर आदिवासियों का 32 प्रतिशत एससी का 13 प्रतिशत, ओबीसी का 27 प्रतिशत, ईडब्ल्यूएस का 4 प्रतिशत अधिकार राजभवन में क्यों रूका हुआ है।