रायपुर : निगम-मंडलों में कुर्सी पाने की आस लगाए बैठे दावेदारों को झटका लगा है। क्योंकि उनका इंतजार और बढ़ सकता है। सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो अगले छह महीने निगम मंडलों में ताजपोशी नहीं होगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने फिलहाल अपनी कैबिनेट का विस्तार भी आगे बढ़ा दिया है। हाल ही में प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ( State in-charge Nitin Nabin ) के साथ सीएम और संगठन की बैठक में निगम मंडल में राजनीतिक नियुक्तियां और कैबिनेट विस्तार टालने पर चर्चा हुई।
हालांकि राजनीतिक समीकरणों को साधने के लिए कुछ चुनिंदा नेताओं की नियुक्तियां हो सकती हैं। सरकार और संगठन का पूरा फोकस अब नवंबर-दिसंबर में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों पर है। बीजेपी अब अपने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को इसमें झोंकना चाहती है। इस हिसाब से संगठन के कार्यक्रम भी तैयार होने लगे हैं। साय भी अब राजनीतिक नियुक्तियों से ज्यादा गवर्नेंस पर फोकस कर रहे हैं।
निकाय चुनाव होगा सरकार का लिटमस टेस्ट
आने वाले छह महीने में नगरीय निकाय चुनाव प्रस्तावित हैं। ये चुनाव सरकार के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं। क्योंकि ये सरकार का लिटमट टेस्ट माना जाएगा। विधानसभा चुनाव में बड़ी के जीत के बाद तीन महीने में ही लोकसभा चुनाव सामने आ गए। बीजेपी को इसमें भी भारी सफलता मिली, लेकिन अब सरकार के एक साल के कामकाज के आधार पर जनता वोट करेगी। यही कारण है कि अगले छह महीने सरकार को लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती है। सरकार चाहती है कि छह महीने में वे सारे फैसले ले लिए जाएं जो जनता के लिए जरुरी हैं।
इन फैसलों के आधार पर जनता बीजेपी को समर्थन करेगी। बीजेपी जान रही है कि निकाय चुनाव में अब पीएम मोदी का चेहरा नहीं होगा। स्थानीय मुद्दों पर होने वाले चुनाव में सरकार की परफॉर्मेंस ही उसको वोट दिलवाएगी। इसके अलावा निगम मंडलों में नियुक्तियां कर बीजेपी उन नेताओं को नाराज नहीं करना चाहती जो पद से दूर रह जाएंगे। इसका असर भी निकाय चुनावों पर पड़ेगा। नेताओं की राजी-नाराजी की चुनौती सामने न आए इसलिए भी ये नियुक्तियां टाली जा रही हैं।
कैबिनेट विस्तार के टलने के संकेत
कैबिनेट विस्तार टलने के सीएम ने संकेत भी दिए हैं। सीएम जब पीएम मोदी की शपथ के बाद दिल्ली से लौटे थे तब उनसे मंत्रिमंडल विस्तार का सवाल पूछा गया तब उन्होंने कहा कि इसके लिए इंतजार कीजिए। वहीं दूसरा संकेत नए नए सांसद बने मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने दे दिया।
बृजमोहन अग्रवाल ने विधायकी से तो इस्तीफा दे दिया लेकिन मंत्री पद पर उन्होंने साफ कह दिया वे छह महीने तक मंत्री रह सकते हैं, और वे फिलहाल पांच विभागों के मंत्री भी हैं। वे बाकायदा मंत्री के नाते कामकाज भी कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों के ट्रांसफर ऑर्डर पर साइन किए साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक भी ली। यानी निकाय चुनाव तक बृजमोहन यदि मंत्री रहे तो कैबिनेट विस्तार नहीं होगा।
बृजमोहन की कुर्सी पर नजर
बृजमोहन की कुर्सी पर अब वरिष्ठ विधायकों और पूर्व मंत्रियों की नजर है। जो मंत्रीपद की रेस में शामिल हैं उनमें राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल, रेणुका सिंह और लता उसेंडी का नाम शामिल है। लता उसेंडी और रेणुका सिंह में से किसी एक महिला को मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं अमर अग्रवाल के लोकसभा चुनाव में परफार्मेंस को देखकर उनको मंत्री बनने की दौड़ में आगे माना जा रहा है। ये भी माना जा रहा है कि परफॉर्मेंस के आधार पर यदि एक या दो मंत्रियों को ड्रॉप किया गया तो सीएम नए चेहरों को तवज्जो देंगे।
निगम-मंडलों में एडजस्ट होंगे 250 नेता
सरकार निकाय चुनाव के बाद खाली निगम-मंडलों में भी राजनीतिक नियुक्तियां कर सकती है। बीजेपी की सरकार बनते ही सारे निगम-मंडलों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है। बीजेपी सरकार ने कांग्रेस सरकार के 21 निगम-मंडल और आयोगों के अध्यक्ष समेत 32 नेताओं की नियुक्तियां रद्द कर दी हैं।
वहीं कुछ निगम-मंडल के पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया था। प्रदेश में लगभग 50 से ज्यादा निगम-मंडल,आयोग हैं जिनमें राजनीतिक नियुक्तियां की जानी हैं। इनमें 250 से ज्यादा नेताओं को एडजेस्ट किया जा सकता है। निगम-मंडल आयोग के अध्यक्षों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाता है। इसके साथ ही उन्हें वेतन-भत्ता, वाहन, आवास की भी सुविधा दी जाती है।
इनमें हो सकती है पहले ताजपोशी
पाठ्य पुस्तक निगम, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम, छग मेडिकल सर्विसेस निगम, अपैक्स बैंक, खनिज विकास निगम, रायपुर विकास प्राधिकरण, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल, छत्तीसगढ़ भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल, मदरसा बोर्ड, छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम, राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था, छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल, राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड, सीएसआईडीसी और सिंधी अकादमी।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक