रायपुर. छत्तीसगढ़ में एक एसडीएम की सरकारी गाड़ी को कोर्ट की ओर से जब्त किए जाने का मामला सामने आया है। कोर्ट में तारीख पर पहुंचीं एसडीएम की गाड़ी जब जब्त कर ली गई तो उन्हें प्राइवेट वाहन से अपने आवास पर लौटना पड़ा । यही नहीं कोर्ट ने एसडीएम की सरकारी संपत्तियों को भी जब्त करने का आदेश दिया है। मामला जांजगीर-चांपा जिले का है।
कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं किया पैमेंट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2013-14 में केएसके पावर प्लांट के लिए नरियरा में जमीन अधिग्रहीत की गई थी। इसमें नरियरा के रहने वाले सुरेखा सिंह की भी जमीन का भी अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसका मुआवजा उन्हें नहीं मिला था। मुआवजे के लिए उनके परिजन कई बार SDM OFFICE गए, लेकिन केस का निपटारा नहीं हुआ तो उन्होंने कोर्ट की शरण ली।
ब्याज मिलाकर 1 करोड़ 40 लाख का बकाया
इस मामले में साल 2015 में जिला कोर्ट ने आदेश दिया कि पीड़िता को 1 करोड़ 37 लाख रुपए के मुआवजे का भुगतान किया जाए। कोर्ट के आदेश के बाद भी पीड़िता को इस राशि का भुगतान नहीं हुआ। इस पर कोर्ट ने अफसरों से इसका जवाब मांगा। इस बीच ब्याज मिलाकर मुआवजे की राशि 1 करोड़ 40 लाख हो गई।
इसी मामले में एसडीएम को सरकार का पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था। एसडीएम का जवाब संतोषजनक न होने से कोर्ट नाराज हो गया। कोर्ट ने ने सरकारी संपत्ति को बेचकर फरियादी को मुआवजा के भुगतान करने का आदेश दिया। इसी आदेश के तहत शुक्रवार को एसडीएम की सरकारी कार को जब्त कर लिया। अब मंगलवार को मामले में कुछ फैसला हो पाएगा।