Raipur. छत्तीसगढ़ के लिए यह अच्छी खबर है की अब तातापानी के गर्म पानी से अब बिजली बनाई जाएगी। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही यहां जिओ थर्मल पॉवर प्लांट स्थापित किया जाएगा। थर्मल पॉवर प्लांट की स्थापना से पहले इलाके और पानी को लेकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ( NIT) रायपुर एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है। एनआईटी की रिपोर्ट यहां के जिओ थर्मल पॉवर प्लांट लगाने के पक्ष में रही तो मामला आगे बढ़ेगा।
जिओ थर्मल पॉवर प्लांट को लेकर दिया प्रजेटेंशन
साल 2022 में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने महाराष्ट्र के नागपुर में दो दिवसीय सेमीनार के दौरान जिओ थर्मल पॉवर प्लांट को लेकर एक प्रजेटेंशन दिया था। इस प्रजेटेंशन के बाद NIT( National institute of technology ) रायपुर,Creda, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय, हिंदी शाखा,केंद्रीय भूमि जल बोर्ड मिलकर काम कर रहे हैंI छत्तीसगढ़ शासन ने Creda को जिओ थर्मल पॉवर प्लांट के लिए नोडल एजेंसी बनाया है। यदि शनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ( NIT) रायपुर की रिपोर्ट सकारात्मक तो रही तो, बलराम जिले का तातापानी जिओ थर्मल पॉवर प्लांट के मामले में वैश्विक नक्शे पर होगा।
जिओ थर्मल पॉवर प्लांट क्या है?
प्राकृतिक रूप से मिलने वाले गर्म पानी से मिलने वाली बिजली क़े उत्पादन के लिए जो प्लांट लगेगा, उसे जिओ थर्मल पॉवर प्लांट कहा जाता है। थर्मल बिजली, सौर ऊर्जा के मुकाबले बेहद महंगी होगी।
केंद्रीय भूमि जल बोर्ड ने क्या कहा
बलराम जिले क़ा तातापानी छत्तीसगढ़ बेसिन से बाहर है। भूमिगत जल के बेसिन हिस्से में दुर्ग,राजनांदगांव, बेमेतरा और जांजगीर चाम्पा आदि जिले आते हैं। तातापानी का गर्म पानी जिओ थर्मल पॉवर प्लांट के मापदंड से ठीक है।
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