रायपुर. प्रदेश के अधिकारी सरकार से नाराज हो गए हैं। इनका कहना है कि सरकार ने अपने मेनीफेस्टो में उनसे जुड़े जो वादे किए थे वे छह महीने बाद भी पूरे नहीं हुए हैं।
राजपत्रित अधिकारी संघ ने अपनी डिमांड के समर्थन में अगले दो महीने अलग_अलग आंदोलन करने का ऐलान किया है। इसकी शुरुवात राजधानी रायपुर से मशाल रैली निकाल कर होगी। ये मशाल रैली ब्लॉक स्तर तक पहुंचेगी। कर्मचारियों के सामने सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई भत्ते यानी डीए को लेकर है।
केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के डीए में 4 फीसदी की खाई है। कर्मचारी इस खाई को पाटने की मांग कर रहे हैं। छह अगस्त को रायपुर में मशाल रैली के साथ सरकार की मुखालफत की शुरुवात होगी।
झनकर इनकार, हमर सुनव सरकार
संघ ने झनकर इनकार, हमर सुनव सरकार आंदोलन की शुरूआत की है। छत्तीसगढ़ राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल वर्मा ने कहा कि सरकार ने अपने मेनीफेस्टो में बहुत वादे किए थे, लेकिन इस ओर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा।
सरकारी अधिकारियों के डीए के अधिकार से उनको वंचित रखा जा रहा है जिससे उनको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। वर्मा ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अधिकारी दिन-रात मेहनत करते है लेकिन सरकार उन्हें केंद्र सरकार के समान डीए नहीं दे रही।
कई बार सरकार को ये डिमांड याद दिलाई गईं लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया गया। वर्मा ने कहा कि ऐसे में आंदोलन के अलावा कर्मचारी संगठनों के पास कोई अन्य रास्ता नहीं बचता है।
ये हैं कर्मचारी-अधिकारियों की डिमांड
छत्तीसगढ़ राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रवक्ता बालमुकुंद तंबोली ने बताया कि बीजेपी घोषणा पत्र के अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जनवरी 2024 से महंगाई भत्ते में 4 फीसदी का इजाफा किया जाना चाहिए।
साथ ही 50 फीसदी डीए स्वीकृत करने, प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भत्तों के एरियर्स राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में जमा किये जाने, बीजेपी घोषणा पत्र के अनुसार प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिये जाने, केन्द्र के समान गृह भाड़ा भत्ता, मध्यप्रदेश सरकार की तरह प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को अर्जित अवकाश का नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन देने का मुद्दा प्रमुख रुप से शामिल है।
दो महीने चलेंगे आंदोलन
अधिकारी संघ अगले दो महीने तक आंदोलन करेगा। प्रथम चरण में 6 अगस्त को इंद्रावती भवन से महानदी भवन तक मशाल रैली प्रदर्शन, द्वितीय चरण में 20 से 30 अगस्त तक सांसदों और विधायकों को ज्ञापन, तृतीय चरण में 11 सितंबर को जिला/ब्लॉक/तहसीलों में मशाल रैली का आयोजन और चौथे चरण में 27 सितंबर को सामूहिक अवकाश लेकर जिलों में धरना-प्रदर्शन का आयोजन होगा।