Chhattisgarh Fraud Case : छत्तीसगढ़ में दिनों दिन फ्रॉड की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसी कड़ी में दुर्ग के भिलाई में ठगी करने के दो मामले सामने आए हैं। कम समय में पैसे डबल करने के लालच में फंसकर मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. लिपी चक्रवर्ती और बीएसपी पूर्व अधिकारी प्रलेस शांति बसू ने पूरे 1.84 करोड़ रुपए गंवा दिए। पुलिस ने साइबर ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ठगों की लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश कर रही है।
जानकारी के मुताबिक डॉ. लिपी चक्रवर्ती ने साइबर ठगों के कहने पर उनके बैंक खाते में 58 लाख 43 हजार 900 रुपए की रकम ट्रांसफर कर दी। जबकि सुपेला थाना अंतर्गत रहने वाले रिटायर्ड बीएसपी अधिकारी प्रलेस शांति बसू ने एक महीने के अंदर ही साइबर ठगों को 1 करोड़ 26 लाख 22 हजार रुपए दे दिए। फिलहाल दोनों मामलों में पुलिस ने धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।
ये है पूरा मामला
पुलिस में फ्रॉड की शिकायत सूर्य विहार कॉलोनी निवासी बीएसपी के रिटायर्ड अधिकारी प्रलेस शांति बसू ने मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्हें पिछले महीने आरोपियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क किया और शेयर बाजार में निवेश करने का झांसा दिया। ठगों ने प्रलेस की रकम को 500 गुना करने का वादा किया। आरोपियों की बातों में आकर उसकी बताई लिंक से ऐप डाउनलोड कर लिया और एक महीने तक उसमें पैसे इन्वेस्ट करवाते रहे। जब इनवेस्ट की रकम एक करोड़ से भी ज्यादा हो गई तब भी आरोपियों द्वारा पैसे की डिमांड जारी थी। इस पर पीड़ित को अपने साथ ठगी का अहसास होने लगा लेकिन तब तक पर ठगों के पास 1.26 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की रकम पहुंच चुकी थी। आरोपियों ने एक हफ्ते पहले क्रिप्ट में निवेश के लिए भेजा लिंक थाना प्रभारी राजकुमार लहरे ने बताया कि मामले में हॉस्पिटल सेक्टर निवासी डॉ. लिपी चक्रवर्ती (46 वर्ष) ने शिकायत दर्ज कराई थी।
करंसी इन्वेस्ट करने के लिए आई थी रिक्वेस्ट
पीड़ित चंदूलाल चन्द्राकर शासकीय मेडिकल कॉलेज कचांदुर में नेत्र रोग विभाग की विभागाध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि, उनके फोन में टेलीग्राम मोबाइल ऐप्लीकेशन डाउनलोड है। करीब एक हफ्ते पहले उसमें क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करने के लिए एक रिक्वेस्ट आई थी। इसके बाद उनके फोन पर एक दूसरे नंबर से कॉल आया था।
आरोपियों ने 5 दिन में ली रकम
फोन करने वाले ने डॉ. लिपी को वाट्सएप और यूट्यूब पर चैनल को सब्सक्राइब करने को कहा, जिसके बाद क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने की बात कही। डॉ. लिपी चक्रवर्ती ने सब्सक्रिप्शन ले लिया, तो कॉलर ने उन्हें टेलीग्राम ऐप पर एक लिंक भेजा। उस लिंक में जाकर भुगतान करने को कहा गया। इसके बाद उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ा गया। बाद में धीरे-धीरे टेलीग्राम के माध्यम से क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर चार से पांच दिनों में किश्तों में आरटीजीएस, आईएमपीएस और फोन पे के माध्यम से 58 लाख 43 हजार 900 रुपए ट्रांसफर कर लिए।
आरोपियों की लोकेशन ट्रेस कर रहे हैं
सीएसपी भिलाई नगर सत्यप्रकाश तिवारी ने मामले में कहा कि दोनों प्रकरणों में प्रार्थियों को कम समय में अपनी रकम पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न पाना था। मामले में अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है। प्रार्थियों को आरोपियों ने जिन नंबर कॉल किए थे। उनकी लोकेशन ट्रेस की जा रही है। इसके अलावा जिन खातों और लिंक के माध्यम से ट्रांजेक्शन हुआ है। उनकी भी पड़ताल शुरू कर दी गई है। आरोपियों के बैंक खाते के जरिए आरोपी तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
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