विष्णुदेव सरकार सुशासन मॉडल बनाने के लिए नए-नए प्रयोग कर रही है। सीएम ने जनदर्शन की शुरुआत की है तो उनके मंत्री भी नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। सरकार ने अब तय किया है कि पुल, पुलिया, सड़क या मकान बनाने के टेंडर तभी निकाले जाएंगे जब एग्जीक्यूटिव इंजीनियर यह सर्टीफिकेट देगा कि इन कामों के लिए 90 फीसदी जमीन उपलब्ध है। सरकार यह भी तय करने जा रही है कि हादसों को रोकने सड़कों पर से गायों को हटाने का काम सरकारी अधिकारी का होगा। वहीं खेती को हाईटैक बनाने की ओर आगे बढ़ रही सरकार किसानों को ऑनलाइन ही कर्ज मुहैया कराने की तैयारी कर रही है। आइए आपको बताते हैं कैसे हैं ये नए प्रयोग।
टेंडर से पहले जमीन की गारंटी
पीडब्ल्यूडी विभाग पुल, पुलिया, सड़क या मकान बनाने के काम के लटकने से परेशान है। सरकार की समीक्षा बैठक में ये सामने आया है कि काम शुरू हो जाता है, लेकिन बीच में ही अटक जाता है क्योंकि जमीन की उपलब्धता नहीं होती। जमीन अधिग्रहण में कई पेचीदा मसले सामने आ जाते हैं। पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने नया फरमान जारी कर दिया है। चीफ इंजीनियर से लेकर सभी एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों को सर्कुलर जारी किया गया है। इस सर्कुलर में निर्देशित किया गया है कि टेडर कॉल करने के पहले एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को यह प्रमाणित करना होगा कि सड़क निर्माण के लिए सड़क की प्रस्तावित कुल लंबाई की 90 फीसदी लंबाई में कोई रुकावट नहीं है। साथ ही 90 फीसदी लंबाई में सभी प्रकार की रुकावटें जैसे भूमि अधिग्रहण, फॉरेस्ट लैंड डायवर्सन और यूटिलिटी शिफ्टिंग का काम पूरा कर लिया गया है। बाकी जो दस फीसदी काम बचा है, उसकी रुकावटें अगले 180 दिनों यानी छह महीने में पूरा कर लिया जाएगा। यही नियम पुल बनाने और मकान बनाने के लिए लागू होगा।
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सड़कों पर से गाय हटाएंगे अधिकारी
सुशासन का एक और नियम लागू कर दिया गया है। यह नियम सड़कों पर बेसहारा पशुओं के घूमने फिरने के कारण होने वाले हादसों को रोकने के लिए बनाया गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इसके लिए बाकायदा एक कमेटी भी बनाई गई है। इस कमेटी ने फैसला लिया है कि सड़कों पर आवारा पशुओं का जमावाड़े के कारण हो रहे हादसों की जगहों पर विशेष निगरानी रखी जाए। चिन्हित की गई ऐसी सड़कों पर से पशु हटाने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। इसके लिए निश्चित वयवस्था की जाएगी। नेशनल हाइवे पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हाईवे एडवांस ट्रॉफिक मेनेजमेंट सिस्टम को तैयार किया जा रहा है।
किसानों को कर्ज ऑनलाइन
सरकार एग्रीस्टेक योजना पर काम कर रही है। प्रदेश में फसल के कवरेज का डिजिटल सर्वे होगा। यानी कितनी जमीन पर बोनी हुई और कितनी फसल उगी। पहले चरण में महासमुंद, धमतरी और कवर्धा जिले में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। सरकार किसानों को एग्रीस्टेक पोर्टल से ही कर्ज दिलाने की व्यवस्था करने जा रही है। यानी किसानों को ऑनलाइन कृषि कर्ज मिल सकेगा। इसके अलावा किसानों को फसल उत्पादकता के लिए जरूरी इनपुट जैसे फसल के लिए कर्ज के साथ ही विशेषज्ञों की सलाह से लेकर बाजार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। इससे किसानों को कौन सी फसल बोनी चाहिए, उसकी मिट्टी का स्वास्थ्य कैसा है, आने वाले समय में मौसम कैसा रहेगा ये सभी जानकारी मिलेगी। सूखा या बाढ़ या फिर खराब उत्पादन से निपटने की जानकारी भी सरकार इस पोर्टल के जरिए किसानों को उपलब्ध कराएगी।