प्रमोशन में आरक्षण को लेकर अब छत्तीसगढ़ सरकार के पाले में गेंद

कानून के जानकारों का कहना है कि हाईकोर्ट ने भूपेश सरकार के 22 अक्टूबर 2019 के ऑर्डर को निरस्त किया है। इससे प्रमोशन में आरक्षण रद्द नहीं हुआ।

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Marut raj
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Chhattisgarh government to reframe case regarding reservation in promotion in three months द सूत्र
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reservation in promotion case

रायपुर. प्रमोशन में आरक्षण को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन शुरू कर दिया है। सरकार तीन माह में इस मामले को कैसे रीफ्रेम करेगी, यह कुछ दिन में साफ होगा। इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कई चुनावी सभाओं में ऐलान किया है कि किसी भी वर्ग का आरक्षण न तो खत्म किया जाएगा और न ही कम किया जाएगा। इससे इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि जून अंत या जुलाई में सरकार की तरफ से नया नोटिफिकेशन आ सकता है। इसमें प्रमोशन में एसटी के लिए 32 और एससी के लिए 13 प्रतिशत आरक्षण बरकरार रह सकता है।

क्या है मामला

सरकारी नौकरियों में प्रमोशन पर आरक्षण के मामले में मंगलवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने फैसला दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा था कि अदालत ने प्रमोशन पर आरक्षण खत्म कर दिया है। इस मामले में अभियोजन से जुड़े लोगों का कहना है कि कोर्ट ने वह नोटिफिकेशन ही रद्द किया है, जो भूपेश सरकार 22 अक्टूबर 2019 को लेकर आई थी। प्रमोशन में आरक्षण रद्द नहीं हुआ, बल्कि हाईकोर्ट ने साय सरकार को निर्देश दिए हैं कि इस आदेश की कॉपी मिलने से तीन महीने के भीतर सुप्रीम कोर्ट की ओर से समय-समय पर जारी मापदंडों के अनुरूप प्रमोशन में आरक्षण की नीति पर फिर से कार्य करते हुए इसे रीफ्रेम किया जाए।

सरकार के पाले में गेंद

अब यह स्थिति बन रही है कि भूपेश सरकार का नोटिफिकेशन रद्द होने के बाद प्रमोशन में आरक्षण को लेकर गेंद पूरी तरह साय सरकार के पाले में आ गई है। नए नोटिफिकेशन के जरिए सरकार आरक्षण में प्रमोशन को पूरी तरह रद्द करेगी या फिर भूपेश सरकार के फैसले को जारी रखेगी, यह फैसला अब पूरी तरह से विष्णुदेव साय की भाजपा सरकार को ही करना है।

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