हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा सवाल... कब होगी साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति ?

chhattisgarh High Court : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने साइबर साक्ष्य विशेषज्ञ की नियुक्ति को लेकर केंद्र से सवाल पूछा है।

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Kanak Durga Jha
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chhattisgarh High Court asked Centre when cyber expert be appointed
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने साइबर साक्ष्य विशेषज्ञ की नियुक्ति को लेकर केंद्र से सवाल पूछा है। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिंहा की डिविजन बेंच ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से पूछा कि बताएं नियुक्ति कब तक होगी।

मामले की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी। दरअसल, याचिकाकर्ता शिरीन मालेवार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि देशभर के 16 स्थानों पर साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति हो चुकी है, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब तक नियुक्ति नहीं हो पाई। 

हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा

इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद ही हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसके अलावा कहा था कि, आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के परीक्षक की नियुक्ति जरूरी है। ताकि, साइबर अपराधों के मामले में तकनीकी साक्ष्य को प्रभावी ढंग से जांचा जा सके। पिछली सुनवाई में बताया गया कि केंद्र की एक टीम ने राज्य की फॉरेंसिक लैब का निरीक्षण कर कुछ कमियां गिनाई थीं, जिन्हें अब दूर कर लिया गया है। 

केंद्र से नियुक्ति पर जवाब तलब- हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने केंद्र सरकार से पूछा कि छत्तीसगढ़ में साइबर साक्ष्य विशेषज्ञ की नियुक्ति अब तक क्यों नहीं हुई।

जनहित याचिका दायर- याचिकाकर्ता शिरीन मालेवार ने कोर्ट में PIL दायर कर कहा कि देशभर में 16 स्थानों पर नियुक्ति हो चुकी, पर छत्तीसगढ़ अब भी वंचित है।

IT एक्ट के तहत नियुक्ति जरूरी- कोर्ट ने कहा कि IT एक्ट की धारा 79 के तहत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य परीक्षक की नियुक्ति जरूरी है ताकि साइबर अपराधों की जांच प्रभावी हो सके।

केंद्र ने दी प्रक्रिया की जानकारी- सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि तीन चरणों में नियुक्ति प्रक्रिया चलेगी, अंतिम नियुक्ति सितंबर 2025 तक संभव है।

कोर्ट की कड़ी टिप्पणी- चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर समाज के हित में संस्था बनाई है, तो उसका प्रमुख जल्द से जल्द नियुक्त किया जाए, नहीं तो सिस्टम धीमा हो जाएगा।

 

सॉलिसिटर जनरल ने दिया जवाब 

वहीं आज की सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि तीन चरणों की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसमें फॉरेंसिक लैब की स्थापना कर ली गई है। बाकी दो चरणों की प्रक्रिया के बाद सितंबर 2025 तक नियुक्ति की संभावना है।

इस पर चीफ जस्टिस ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, जब आपने समाज की भलाई के लिए एक संस्था बनाई है,तो फिर उसका प्रमुख क्यों नहीं नियुक्त कर रहे? अगर नियुक्ति में इतनी जटिलता होगी, तो पूरा सिस्टम ही धीमा हो जाएगा। आज की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अब अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को तय की है।

 

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