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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों की जर्जर स्थिति को लेकर गंभीर रुख अपनाया है। एक स्कूल में करंट लगने से तीसरी कक्षा के छात्र के घायल होने और बिलासपुर जिले में 187 आंगनबाड़ी भवनों की खराब हालत की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक को व्यक्तिगत शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है।
लापरवाही पर सवाल
8 जुलाई 2025 को बलौदाबाजार के सेंडरी प्राथमिक स्कूल में तीसरी कक्षा के छात्र खिलेश्वर पटेल को स्कूल भवन की दीवार से करंट लगने की घटना ने शिक्षा विभाग की लापरवाही को उजागर किया। शपथपत्र के अनुसार, बारिश के कारण स्कूल में पानी जमा था, जिससे पुरानी बिजली वायरिंग के जरिए दीवारों में करंट फैल गया।
शिक्षकों ने तुरंत छात्र को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे बिलासपुर के सृष्टि अस्पताल में 14 जुलाई तक भर्ती रखा गया। घटना के बाद सीएसपीडीसीएल और स्कूल प्रशासन ने वायरिंग दुरुस्त की, लेकिन कोर्ट ने इस देरी पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसी लापरवाही बच्चों की जान को खतरे में डालती है।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि राज्य के 45,000 से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की है और किसी बच्चे की जान का नुकसान पैसे से नहीं भरा जा सकता।
आंगनबाड़ी भवनों की बदहाली
3 अगस्त 2025 की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिलासपुर जिले में 187 आंगनबाड़ी भवन जर्जर हालत में हैं। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग ने 95 भवनों को असुरक्षित घोषित कर छोड़ने की सिफारिश की है, जबकि 92 भवनों की जांच जारी है। कुछ भवन 30 साल पुराने हैं, तो कुछ मात्र 5 साल में ही ढहने की कगार पर पहुंच गए।
इसके अलावा, 427 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के मकानों में चल रहे हैं, और कई सरकारी या सामुदायिक भवनों में संचालित हैं। कोर्ट ने ग्राम पंचायतों द्वारा किए गए घटिया निर्माण पर सवाल उठाते हुए इसकी जवाबदेही तय करने का निर्देश दिया।
बच्चों की सुरक्षा से समझौता नहीं
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को फटकार लगाई। साथ ही कहा कि स्कूलों और आंगनबाड़ी में बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसके अलावा कोर्ट ने संयुक्त संचालक से पूछा कि ऐसी घटनाओं को रोकने और जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
अगली सुनवाई में विस्तृत शपथपत्र के साथ प्रगति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है। यह मामला शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है और बच्चों की सुरक्षा को लेकर तत्काल सुधार की जरूरत को रेखांकित करता है।
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट सरकारी स्कूल (Chhattisgarh High Court government school)
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जर्जर स्कूल आंगनबाड़ी केंद्र (Dilapidated schools anganwadi centers)
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बिलासपुर आंगनबाड़ी भवन (Bilaspur anganwadi building)
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स्कूल में करंट लगने की घटना (Electrocution incident in school)
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छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग शपथपत्र (Chhattisgarh Education Department affidavit)