अरुण तिवारी @ Raipur
रायपुर का एक बड़ा और आलीशान होटल इन दिनों दलाली का अड्डा बना हुआ है। यह होटल बड़े विवाह समारोह, रईसों की पार्टियों और बड़े कार्यक्रमों के लिए मशहूर है, लेकिन अब यह वसूली केंद्र बनता जा रहा है। इस होटल के डायरेक्टर एक बड़े नेता के साथ मिलकर बड़े- बड़े कारोबारियों को यहां बुलाते हैं और उन नेता से मीटिंग फिक्स की जाती है। इन बड़े कारोबारियों से बड़ी रकम वसूली जाती है। आपको बता दें कि इस होटल के डायरेक्टर कांग्रेस की सरकार के समय भी कांग्रेस नेता के साथ मिलकर यही खेल करते थे। अब वर्तमान सरकार के नेता के साथ मिलकर रंगदारी वसूलने का काम किया जा रहा है।
गवाहों को धमका रहे भ्रष्टाचार के जाल में फंसे आईपीएस
भ्रष्टाचार के जाल में उलझे एक रिटायर्ड आईपीएस खुद को पाक- साफ करवाने में जुटे हैं। इसके लिए वे उन गवाहों को धमका रहे हैं, जिन्होंने इनके खिलाफ गवाही दी है। इनका मामला ईडी में चल रहा है। साथ ही इन पर एंटी करॅप्शन ब्यूरो ने भी छापा मारा था। इन साहब ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था, जिससे ये वर्तमान सरकार के बड़े नेताओं के खास बन गए। अब ये साहब सरकार में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने उपर चल रहे रहे सभी मामलों को खत्म करना चाहते हैं। इसके लिए गवाहों पर दबाव बनाया जा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी यह गवाहों पर दबाव बना रहे हैं। आपको बता दें कि ये वही साहब हैं जिनके चक्कर में एक एसपी अपनी जान गंवा चुके हैं। आपको याद होगा कि इनका नाम लेकर एक एसपी आत्महत्या तक कर चुके हैं।
छत्तीसगढ़ में भी विवादों में शराब करोबारी
मध्य प्रदेश में हमेशा से विवादों में रहने वाले एक बड़े शराब करोबारी अब छत्तीसगढ़ में भी विवादों में आ गए हैं। दरअसल ये शराब कारोबारी अपनी तिकड़म भिड़ाकर सरकार में बैठे अपने पैरोकारों की कृपा से छत्तीसगढ़ में भी अपना सिक्का चलाना चाहते थे। मिस्टर नटवरलाल के नाम से मशहूर यह कारोबारी मध्य प्रदेश में भारी विवादों में रहे हैं। इनके विवाद सामने आने से अब सरकार में बैठे इनके आका भी मदद करने से डर रहे हैं। आपको बता दें कि ये शराब कारोबारी हमेशा टैक्स चोरी कर सरकार का रेवेन्यू चुराने में हमेशा विवादों में सामने आते रहे हैं। इनके कमाई करने के काले धंधे भी हैं जिनके जरिए ये आला नेता अफसरों की सेवा कर उनकी कृपा पाते रहे हैं।
नेता पुत्र ने पांच करोड़ में कराई डील, बैरंग लौटी जीएसटी की टीम
बीजेपी के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के पुत्र ने पांच करोड़ में डील कराकर जीएसटी की टीम को बैरंग लौटा दिया। मामला दरअसल ये है कि जीएसटी ने कर चोरी पकड़ने के लिए कई करोबारियों के यहां छापा मारा। इनमें से एक पान मसाला कारोबारी के यहां भी जीएसटी की टीम छापा मारने पहुंची, लेकिन यहां मामला कुछ और फंस गया। पान मसाला कारोबारी को बचाने के लिए एक बड़े नेता का पुत्र बीच में आ गया। इस नेता पुत्र ने राजनीतिक रसूख का फायदा उठाते हुए एक फोन घनघनाया और पांच करोड़ में डील करा दी। फिर क्या था जीएसटी की टीम को बैरंग वापस लौटना पड़ा।