रायपुर. छत्तीसगढ़ में पावर की लड़ाई में देश के सबसे बड़े औद्योगिक ग्रुप अड़ानी और जिंदल ग्रुप एक बार फिर आमने सामने हैं। वजह, छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा संचालित निजी क्षेत्र की बिजली कंपनी है। दरअसल, केएसके महानदी पावर कर्जदार हो गई है। इसके बिकने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए बोली लगाने वालों में अड़ानी के साथ ही जिंदल घराना यानी जिंदल ग्रुप भी शामिल है।
सबसे ज्यादा 27 हजार करोड़ की बोली अडानी समूह ने लगाई
1800 मेगावाट की यह बिजली कंपनी लगभग दिवालिया हो चुकी है। प्लांट की नीलामी के लिए कर्जदाता बैंकों ने ऑफर बुलाए थे। जानकारी के अनुसार 10 कंपनियों ने केएसके महानदी पावर को खरीदने में रूचि दिखाई है। इनमें से सबसे अधिक बोली 27 हजार करोड रुपए की अडानी समूह की है।
दूसरे नंबर पर केप्री ग्लोबल होर्डिंग्स ने 25 हजार करोड़ का ऑफर दिया है। एनटीपीसी तीसरे नंबर की ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनी है। एनटीपीसी ने 22 हजार 200 करोड़ का ऑफर दिया है। इनके अलावा कोल इंडिया, वेदांता, सज्जन जिंदल की जेएसडब्ल्यू एनर्जी, नवीन जिंदल की कंपनी जिंदल स्टील एंड पावर ने भी ऑफर दिए हैं।
कोयले की कमी से बंद हुआ प्लांट
केएसके महानदी प्रोजेक्ट जब चालू था, तब उसके पास तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के साथ बिजली खरीद की डील थी। हालांकि, बताया ये जाता है कि कोयले की कमी के चलते ये बिजली प्लांट बंद हो गया था।