रायपुर. छत्तीसगढ़ के पांच जिलों के रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार ने मिलकर सरकार को एक करोड़ का चूना लगा दिया। यह खेला भी पूरी प्लानिंग के साथ किया गया।
कहीं एक जमीन के दो दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री कर दी गई तो कहीं जिस व्यक्ति को स्टांप शुल्क में छूट मिली थी, उस जमीन की रजिस्ट्री किसी और के नाम कर दी गई।
आंकलन के हिसाब से सरकार को 1 करोड़ 2 लाख रुपए का सीधा नुकसान हुआ। सरकार का नुकसान जिला रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार के लिए फायदे का सौदा बना। आइए आपको बताते हैं कि किस तरह किया गया यह खेला।
इस तरह पकड़ में आया खेला
महानिरीक्षक पंजीयन यानी आईजी,रजिस्ट्रेशन और अधीक्षक मुद्रांक यानी सुप्रीटेंडेंट,स्टांप से मिली जानकारी के अनुसार सरकार की स्पेशल विजिलेंस सेल ने रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़ और बेमेतरा जिले के पंजीयन कार्यालयों में दस्तावेजों की रेंडम जांच की गई। इनमें 18 प्रकरण ऐसे नजर आए जिनमें भारी झोल था।
विजिलेंस टीम ने जब इन मामलों की पड़ताल की तो पूरा झोल समझ में आ गया। रजिस्ट्री के इन 18 मामलों में अधिकारियों ने सरकार को 1 करोड़ 2 लाख रूपए का चूना लगा दिया।
इस खेला में रजिस्ट्रार के साथ सब रजिस्ट्रार भी शामिल थे। इस खेला को देखकर विजिलेंस के अधिकारी हैरान रह गए।
इस तरह हुआ खेला
- रजिस्ट्र्री के इन प्रकरणों में कम बाजार मूल्य का निर्धारण कर रजिस्ट्री कर दी गई। इससे सरकार को नुकसान और अधिकारियों को फायदा हो गया।
- मुख्य मार्ग से लगी हुई एक ही खसरे की भूमि को दो दस्तावेजों के माध्यम से मुख्य मार्ग और अन्य मार्ग की दर अनुसार अलग-अगल उप पंजीयकों से पंजीयन कराया गया। जिसमें गाइडलाइन के अनुसार मूल्याकंन नहीं किया गया है।
- स्टाम्प शुल्क की छूट का प्रमाण पत्र जिस व्यक्ति के नाम से था उसके नाम से दस्तावेज का पंजीयन न किया जाकर अन्य व्यक्ति के नाम से दस्तावेज का पंजीयन किया गया
- औद्योगिक संपत्ति का 25 फीसदी अधिक मूल्यांकन नहीं किया गया। स्टाम्प शुल्क छूट का प्रमाण पत्र बैंक के लोन पर स्टांप शुल्क से छूट का था लेकिन उस प्रमाण का लाभ भूमि क्रय करने के लिए लिया गया।
- स्टाम्प शुल्क छूट निजी भूमि की खरीदपर दिया गया है लेकिन औद्योगिक इकाई द्वारा स्टाम्प शुल्क छूट का लाभ भवन, शेड, मशीनरी के लिए लिया गया।
अधिकारियों को शोकॉज नोटिस
विजलेस टीम ने संबंधित जिलों के जिला पंजीयक पर शुल्क की वसूली के लिए प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। साथ ही संबंधित उप पंजीयक एवं जिला पंजीयकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
साय सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकारी विभागों में स्पेशल विजिलेंस सेल बनाने का फैसला किया है। इसी के तहत पंजीयन विभाग में स्पेशल विजिलेंस सेल गठित की गई है।
पंजीयन में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की शिकायतें आती हैं। सरकार के पंजीयन विभाग द्वारा अचल संपित्तयों की खरीद फरोख्त पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इन संपत्तियों के पंजीयन के दौरान दस्तावेज़ों के गलत मूल्यांकन को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये हैं।