भूपेश बघेल सरकार में आबकारी मंत्री के रोल में था ढेबर , त्रिपाठी अवैध शराब बेचने का मास्टर माइंड

ईडी के अनुसार अरुणपति त्रिपाठी का सरकारी शराब की दुकानों के माध्यम से बेहिसाब शराब की बिक्री की योजना को लागू करने में मुख्य रोल था। अनबर ढेबर IAS रहे अनिल टुटेजा के साथ मिलकर शराब सिंडिकेट चलाता था।

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Marut raj
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Chhattisgarh liquor scam Bhupesh Baghel ED disclosure Anwar Dhebar the sootr
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रायपुर. छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले में ईडी ने बड़ा खुलासा किया है। जांच एजेंसी का दावा है कि अनवर ढेबर कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री के रोल में था। उसी के हिसाब से अफसरों की पोस्टिंग-ट्रांसफर होते थे। अनबर ढेबर IAS रहे अनिल टुटेजा के साथ मिलकर शराब सिंडिकेट चलाता था। इन दोनों ने मिलकर पूरे घोटाले की साजिश रची।

ईडी ने इस तरह जोड़ी कड़ियां

ईडी के अनुसार अनिल टुटेजा के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अनवर ढेबर आबकारी विभाग में अपने पसंदीदा अधिकारियों को नियुक्त करता था। अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को यूपी के मेरठ से रायपुर लाने के बाद 14 अगस्त तक ED की हिरासत में रखा गया था। दोनों से पूछताछ की जा रही है।

ईडी के अनुसार  एफएल-10ए लाइसेंस धारकों से रिश्वत वसूली का पूरा रैकेट चलाया जाता था। सरकारी शराब दुकानों से बेहिसाब अवैध शराब बेच कर 2100 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया।

ईडी के अनुसार अरुणपति त्रिपाठी का सरकारी शराब की दुकानों के माध्यम से बेहिसाब शराब की बिक्री की योजना को लागू करने में मुख्य रोल था। उसने ही 15 जिले जहां अधिक शराब बिक्री होती थी और राजस्व आता था, उन जिलों के जिला आबकारी अधिकारियों के साथ मीटिंग कर अवैध शराब बेचने के निर्देश दिए थे।

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