रायपुर. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला यूपी तक पहुंच गया है। इस केस में अनबर ढेबर, एपी त्रिपाठी और आईएएस रहे अनिल टुटेजा यूपी एसटीएफ की गिरफ्त में हैं। इस केस में एक और बड़ा अपडेट सामने आया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि यूपी पुलिस की ओर से इस केस में शामिल तीन शराब निर्माता कंपनियों को 3 नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन इन कंपिनयों की ओर से कोई भी जांच टीम के सामने हाजिर नहीं हुआ है।
बताया जा रहा है कि यूपी एसटीएफ की ओर से जल्द ही इन तीनों कंपनियों के संचालकों को गिरफ्तार किया जा सकता है।
तीनों ही कंपनियां सबसे बड़ी लाभार्थी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूपी STF की पूछताछ में अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी ने अहम राज खोले हैं। इन्होंने बताया है कि इस घोटाले की सबसे बड़ी लाभार्थी डिस्टलरी कंपनियां यानी शराब निर्माता कंपनियां थीं। छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में डिस्टलरी की भी बड़ी भूमिका रही है। ईडी और EOW ने तीनों डिस्टलरी के संचालकों और उनसे जुड़े लोगों को अरोपी बनाया है। हालांकि अब तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
सूत्रों का कहना है कि यूपी STF की टीम जल्द ही इन कंपनियों को फिर से नोटिस जारी करेगी। इस बार अगर पूछताछ में कोई शामिल नहीं होता है, तो संबंधित कंपनियों के संचालकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा सकती है।
अगली पेशी 29 तारीख को होगी
नकली होलोग्राम केस में मेरठ कोर्ट ने अनिल टुटेजा के साथ ही अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी को भी 29 जुलाई तक ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा था। रिमांड अवधि खत्म होने के बाद 29 जुलाई कोर्ट में सुनवाई होगी।
5 हजार पेज की चार्जशीट
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के नकली होलोग्राम केस में मेरठ जेल में बंद रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा से यूपी STF की टीम पूछताछ करेगी। सोमवार को मेरठ कोर्ट में यूपी STF ने टुटेजा की कस्टोडियल रिमांड के लिए आवेदन लगाया था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 25 जुलाई तक कस्टोडियल रिमांड की मंजूर दी है।
वहीं, इसी मामले में यूपी STF ने कोर्ट में अपनी पहली चार्जशीट पेश की। करीब 5 हजार पेज की चार्जशीट में नकली होलोग्राम बनाने वाली कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विधु गुप्ता और इस घोटाले से जुड़े लोगों के नाम हैं।