chhattisgarh liquor scam liquor businessman Trilok Singh arrested by ACB
शिव शंकर सारथी, रायपुर. ED की गिरफ्त में रहे त्रिलोक सिंह को बुधवार 24 अप्रैल को ACB ने गिरफ्तार ( शराब कारोबारी त्रिलोक सिंह गिरफ्तार ) कर लिया है। त्रिलोक सिंह देशी शराब डिस्टलरी के मालिक हैं। कुछ दिनों पहले जिन 21 स्थानों पर ACB ने रेड की थी, उनमें त्रिलोक सिंह का आवास और डिस्टलरी भी शामिल थी।
त्रिलोक सिंह के आवास से करोड़ों की फिक्स डिपॉजिट और कैश ED ने जप्त किया था। फिक्स डिपॉजिट अब तक सीज ही है। रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा 29 अप्रैल तक ED की गिरफ्त में रहेंगे। अब ACB की गिरफ्त में आने वाले त्रिलोक सिंह चौथे आरोपी हो गए हैं। The sootr पहले ही बता चुका है कि 2200 करोड़ के Liquor scam की जांच एजेंसियों के बीच गजब की जुगलबंदी देखने को मिल रही है। इसी तरह, रिमांड- जेल से बचने के लिए आरोपियों में भी गजब की जुगलबंदी है। अनिल टुटेजा के बेटे यश टुटेजा, होलोग्राम निर्माता से जुड़े विधु गुप्ता, ए. बिल्डकॉन के डायरेक्ट अनवर ढेबर आदि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में ACB की FIR को खारिज करवाने की याचिका लगा चुके हैं।
25 अप्रैल को होगी सुनवाई
आईएएस निरंजन दास,विधु गुप्ता ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में मंगलवार को एक याचिका पेश की है। उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने इस याचिका को सुना है। साथ ही, न्यायिक अभिरक्षा में रायपुर सेन्ट्रल जेल में बंद अनवर ढेबर और आईएएस अनिल टुटेजा के पुत्र यश टुटेजा ने भी एक याचिका उच्च न्यायालय में लगाई है। याचिका में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के ECIR को रद्द कर दिया है, जबकि इसी ECIR के आधार पर ACB ने जुर्म दर्ज किया है। ACB के FIR को रद्द करने की मांग की गई है।
नामजद आरोपियों की संख्या 71
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 25 अप्रैल को आईएएस निरंजन दास तत्कालीन आयुक्त, आबकारी विभाग, विधु गुप्ता, ( व्यवसायी होलोग्राम ), अनवर ढेबर और यश टुटेजा की याचिकाओं को क्लब करने की अनुमति दी है। उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डबल बेंच ने FIR ख़ारिज करने की याचिका को सुना है। अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी। रायपुर सेन्ट्रल जेल में अनवर ढेबर और अरविन्द सिंह भी हैं। विशेष सचिव रहे अरुणपति त्रिपाठी ACB की रिमांड पर है। यानी कि कुल चार आरोपी गिरफ्त में हैं। एक आरोपी ACB की रिमांड पर है। 2200 करोड़ के कथित Liquor scam में नामजद आरोपियों की संख्या 71 है। शुरूआती जांच में हाई प्रोफाइल आरोपी पकड़े गए। उधर,उच्च न्यायालय में FIR को ख़ारिज किये जाने की याचिका मंजूर हो गई है। याचिका पर फैसला आने से पहले शराब कारोबारी की गिरप्तारी जांच एजेंसी की गंभीरता को बयां कर रही है।