छत्तीसगढ़ को सुशासन का मॉडल बनाने के लिए सीएम नए_नए प्रयोग कर रहे हैं। सीएम हाउस में जनदर्शन के बाद अब बीजेपी दफ्तर में जनसुनवाई शुरु कर दी है। इस जनसुनवाई का जिम्मा मंत्रियों को दिया गया है। मंत्रियों की बीजेपी दफ्तर में ड्यूटी लगाकर कार्यकर्ताओं की सुनवाई करने का फरमान जारी किया गया है। यहां भी बीजेपी कार्यकर्ता सुनवाई न होने की पीड़ा लेकर पहुंच रहे हैं। कार्यकर्ता सालों से पूरी न हुईं छोटी छोटी समस्याएं लेकर पहुंच रहे हैं। मंत्री के सामने कार्यकर्ताओं ने कहा कि उनको महसूस ही नहीं हो रहा है कि प्रदेश में अपनी सरकार आ गई है।
बंद कमरे में हो रही सुनवाई
बीजेपी दफ्तर में एक कमरे के सामने लोगों की भीड़ जमा है। इसमें अधिकांश बीजेपी के कार्यकर्ता ही हैं। मालूम करने पर पता चला कि कमरे के अंदर वन और जससंसाधन मंत्री केदार कश्यप बैठे हैं। आज उनकी बीजेपी दफ्तर में ड्यूटी है। मंत्री कश्यप को कार्यकर्ताओं की समस्याएं दूर करने के लिए बीजेपी दफ्तर में ड्यूटी लगाई गई है। ये सुनवाई बंद कमरे में हो रही है।
सूत्रों की मानें तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मंत्री से कहा कि उनकी समस्याएं सालों से दूर नहीं हो रही हैं। अब हमारी सरकार है तो क्या सुनवाई होगी। उन्होंने कहा कि हमको ऐसा महसूस ही नहीं हो रहा है कि प्रदेश में सरकार बदल गई है। बीजेपी के नेता कैमरे के सामने अपनी मांग का पर्चा दिखा रहे हैं। बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य मूलचंद शर्मा कहते हैं कि जब से छत्तीसगढ़ बना है तब से उनकी मांग है कि डेम का पानी उनके क्षेत्र को दिया जाए। इसमें सरकार को सिर्फ सर्वे कराना है। लेकिन उनका काम नहीं हो पा रहा। शर्मा ने कहा कि बीजेपी की सरकार थी तब उनके क्षेत्र में कांग्रेस विधायक थे। और सरकार दूसरी पार्टी के विधायक के क्षेत्र में कम काम करती है। अब सरकार हमारी है और विधायक भी बीजेपी के हैं तो उम्मीद करते हैं कि अब काम हो जाए।
सरकार बदली लेकिन अफसर तो वही हैं
बीजेपी नेता नथमल कोठारी का तो और छोटा काम है। अपना मांगपत्र दिखा रहे रहे कोठरी ने नहर और स्टॉप डेम बनाने की मांग की है। कोठारी कहते हैं कि यदि उनकी मांग पूरी होती है तो कई किसानों को इसका फायदा होगा। कोठारी ने कहा कि प्रदेश में सरकार तो बदल गई है लेकिन अफसर तो वही बैठे हैं। अधिकारी ही काम में अड़चन डालते हैं। अब सरकार चाहेगी तो शायद उनका काम हो जाए।
मंत्री ने दिया सबको आश्वासन
मंत्री केदार कश्यप ने सबको आश्वासन देकर उनके काम होने की उम्मीद जगा दी। केदार कश्यप कहते हैं कि प्रदेश में अब सुशासन है। इसीलिए सीएम से लेकर मंत्री तक लोगों और कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुन रहे हैं। सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि लोगों की अपेक्षाओं पर खरी उतरे। लोगों के काम के हिसाब से उनका परीक्षण किया जाएगा। जो समस्याएं दूसरे विभाग की होंगी उनको वहां भेजा जाएगा।
अपेक्षाओं पर खरा उतरना है चुनौती
नई सरकार से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं। खासतौर पर उन कार्यकर्ताओं की जो दरी बिछाने का काम करते हैं। इन कार्यकर्तओं ने मंत्री से मिलने के बाद बहुत कुछ कहा लेकिन कैमरे के सामने नहीं। कार्यकर्ता कहते हैं कि यदि उनके काम नहीं होते हैं तो उनको कैसे महसूस होगा कि प्रदेश में सरकार बदल गई है। हालांकि कार्यकर्ताओं को लगता है कि अभी बहुत कम वक्त हुआ है, लेकिन यदि उनकी सुनवाई नहीं हुई तो इसका असर आने वाले निकाय चुनाव जरुर दिखाई दे जाएगा।
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