छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का दावा, उत्साह के साथ मनाएंगे शहीदी सप्ताह

कुछ सालों क़े शहीदी सप्ताह के दौरान इनामी नक्सली छत्तीसगढ़ में रहकर शहीद सप्ताह मना चुके हैं। शहीदी सप्ताह के बाद ही नक्सली अपने शहीदों की सूची सार्वजनिक करते हैं।

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Shiv Shankar Sarthi
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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में पुलिस और अर्ध सैनिक बल के जवानों की मौत,सरकार के लिए जैसे शहादत है। ठीक वैसे ही, जवानों की गोली के शिकार लाल आतंकियों की मौतें भी शहादत ही कहलाती है। ये हम नहीं कहते है बल्कि, प्रदेश में नक्सलियों ने 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीद सप्ताह मनाने की तैयारियों से पता चला है। मुख्यमंत्री रहे डॉक्टर रमन सिंह (अध्यक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा ) का सपना, विष्णुदेव साय सरकार शायद पूरा कर दे। गृहमंत्री विजय शर्मा की ललकार से तो कम से कम यही लगता है। 

शहीद सप्ताह में क्या होता है ?

शहीद सप्ताह के दौरान नक्सली अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में पक्के स्मारकों का निर्माण करते हैं। इस निर्माण की जगह पर श्रद्धांजलि का कार्यक्रम होता है। कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों की मौजूदगी अनिवार्य होती है।  कुछ सालों के शहीदी सप्ताह के दौरान इनामी नक्सली छत्तीसगढ़ में रहकर शहीद सप्ताह मना चुके हैं। शहीदी सप्ताह के बाद ही नक्सली अपने शहीदों की सूची सार्वजनिक करते हैं।

अब तक कितने नक्सली हुए हैं शहीद 

56 सालों में 14 हजार 800 नक्सली शहीद हुए हैं। 1967 से साल 2023 तक हुई इन मौतों में महिला नक्सलियों की संख्या 1169 रही है। नक्सलियों की शहादत का एक दूसरा आंकड़ा यह भी है कि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र औऱ पश्चिम बंगाल में पिछले 18 सालों में 4576 नक्सलियों की मौतें हुई हैं। इन मौतों में महिला माओवादियों की संख्या 856 रही है।

शहीद सप्ताह 2024, चेतावनी- ऑपरेशन कगार को बंद करें 

माओवादियों ने इस बार बारसुर चित्रकोट मार्ग पर एक बैनर लगाया। लाल रंग के बैनर में लिखा है- शहीद स्मृति सप्ताह का लड़ाकू उत्साह के साथ आयोजन करें। सुरक्षा बलों के ऑपरेशंस को माओवादियों ने कगार नाम दिया है।

दिसंबर 2019 से जुलाई 2024 तक के आंकड़ों से जानिए नक्सलवाद को...

साल 2019 : 
मृत नक्सली 80
आत्मसमर्पित नक्सली 315
गिरफ्तार 506
मुठभेड़ 122
साल 2020 :
मृत नक्सली - 41

आत्म समर्पित नक्सली - 344
गिरप्तार - 440
मुठभेड़ - 114
साल 2021 :
मृत नक्सली 46

आत्मसमर्पित - 554
गिरफ्तार - 499
मुठभेड़ - 81
साल 2022 :
मृत नक्सली 30
आत्म समर्पित 417
गिरप्तार 294
मुठभेड़ 70

20 जुलाई 2023 तक : 
मृत नक्सली 22
आत्म समर्पित 414
गिरप्तार 415
मुठभेड़ 72

बीजेपी ने शुरू की क्या बीजेपी ही खत्म करेगी ?

साल 2003 में बीजेपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने गोली का जवाब गोली से यह नारा दिया था। इस नारे क़ा मतलब था,नक्सलवाद का खात्मा, खात्मे के भाषणों और सोच से नाराज नक्सलियों ने डॉक्टर रमन सिंह के कार्यकाल में बहुत सी बड़ी नक्सल घटनाओं को अंजाम दिया।

1- CRPF की सबसे बड़ी शहादत 76 जवान शहीद,3 अप्रैल 2010 )

2.झीरम हमला : 25 मई 2013, 30 लोगों की मौत, मरने वालों में सबसे ज्यादा कांग्रेस के नेता औऱ उनके सुरक्षा कर्मीI 

नक्सलवाद के खात्मे के लिए कितने जवान 

छत्तीसगढ़ में अर्धसैनिक बलों की संख्या लगभग एक लाख है। CRPF, ITBP और BSF के ट्रेंड जवान छत्तीसगढ़ पुलिस के पुलिस अधीक्षकों के मार्गदर्शन में काम करते हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री का दावा 

साल 2023 में सम्पन्न चुनावी भाषणों में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दो साल में नक्सलवाद क़ा खात्मा कर देंगे की बात कही है। साल 2019 से 2023 तक के आंकड़े तो दिए हैं सरकार ने, लेकिन जानकारों का कहना है कि सोच को खत्म नहीं किया जा सकता।

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SHIV SHANKAR SARTHI

 

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