रायपुर न्यूज. छत्तीसगढ़ में महिलाओं ने आत्मनिर्भर बनने के लिए मचान विधि ( Scaffolding method ) अपनाई है। इस विधि से वे सब्जियां उगाकर अच्छी खासी कमाई कर रही हैं। इन महिलाओं यानी दीदियों का यह प्रयास चर्चा का विषय बना हुआ है।
क्या होती है मचान विधि
मचान अधिकतर बाड़ियों में बनाया जाता है। लता या बेल वाली सब्जी को सहारा देने के लिए मचान विधि का उपयोग किया जाता है। गांव के अधिकतर घरों में जहां सब्जी उगाई जाती है, वहां मचान देखने को आसानी मिल जाएगा। गांव के किसान परिवार अपने सुविधा और मौसम के अनुसार अपनी बाड़ियों और खेतों में भिंडी, कुम्हड़ा, भटा, करेला, लौकी, विभिन्न प्रकार की सब्जी आदि लगाते हैं। इस कड़ी में दंतेवाड़ा जिला के ग्राम पंचायत कुपेर के स्व सहायता समूह की दीदी झुनकी यादव के मकान की 3.8 डिसमिल भूमि में मचान विधि से करेला लगाने के लिए नर्सरी बेड तैयार किया गया है। मचान विधि से सब्जी उगाने के लिए तकरीबन हजार दीदियां जुड़ चुकी हैं।