/sootr/media/media_files/2025/10/03/pcc-chief-staitment-2025-10-03-17-35-18.jpg)
Photograph: (the sootr)
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आगामी छत्तीसगढ़ दौरे पर तीखा तंज कसा है। रायपुर में मीडिया से बात करते हुए बैज ने सीधे तौर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से भारतीय जनता पार्टी के भीतर गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है। यह गुटबाजी इतनी बढ़ गई है कि पार्टी में 'उथल-पुथल' की स्थिति बन गई है।
बैज के अनुसार, इस आंतरिक कलह और असंतोष को कंट्रोल करने के लिए ही गृहमंत्री अमित शाह को रायपुर में रुकना पड़ेगा। उनका यह दौरा डैमेज कंट्रोल (Damage Control) के प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के कई वरिष्ठ विधायक मंत्रिमंडल विस्तार से नाराज हैं, जिसके कारण पार्टी में खींचतान जारी है।
प्रदेश भाजपा में गुटबाजी चरम
दीपक बैज ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के भीतर ऐसी गुटबाजी यह दर्शाती है कि राज्य में भाजपा नेतृत्व अपनी पार्टी के भीतर के मतभेदों को भी संभालने में विफल रहा है। बैज ने सवाल उठाया कि एक ओर 'डबल इंजन' की सरकार का नारा दिया जाता है, वहीं दूसरी ओर पार्टी के अंदर ही नेताओं और विधायकों के बीच तालमेल की कमी साफ दिखती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्थिति सरकार की स्थिरता और भविष्य की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है। उनका सीधा आरोप है कि शाह का दौरा केवल पार्टी की छवि को बिगड़ने से रोकने की एक कोशिश है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि प्रदेश में गुटबाजी चरम पर है।
यह खबरें भी पढ़ें...
छत्तीसगढ़ में बनेंगे तीन नए सरकारी मेडिकल कॉलेज, 1077 करोड़ रूपए की मंजूरी
छत्तीसगढ़ बोर्ड परीक्षा: स्वाध्यायी विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू,जानें कब है आखरी डेट
नक्सली आत्मसमर्पण पर भी उठाए सवाल
केंद्रीय गृहमंत्री के छत्तीसगढ़ दौरे से पहले, राज्य में नक्सलियों के कथित आत्मसमर्पण की घटनाओं में वृद्धि हुई है। इस पर भी पीसीसी चीफ दीपक बैज ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। बैज ने आरोप लगाया कि पिछले दो-तीन दिन में हुए आत्मसमर्पण को राज्य सरकार इवेंट की तरह पेश कर रही है। उनका मानना है कि यह केवल एक राजनीतिक प्रचार है, जिसका उद्देश्य गृहमंत्री के आगमन से पहले एक सकारात्मक माहौल बनाना है।
जनता के सामने रखें 103 नक्सलियों का प्रोफाइल
पीसीसी चीफ ने सरकार को चुनौती दी कि यदि ये आत्मसमर्पण (Surrender) वास्तविक हैं, तो सरकार को 103 नक्सलियों का पूरा प्रोफाइल जनता के सामने जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बस्तर (Bastar) के निवासी आज भी भाजपा के पिछले शासनकाल में हुए फर्जी सरेंडर और निर्दोष आदिवासियों की गिरफ्तारी को भूले नहीं हैं। पारदर्शिताकी कमी से हमेशा संदेह पैदा होता है।
ऑनलाइन सट्टा एप: डबल इंजन पर सवाल
एनसीआरबी (NCRB) की एक रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ को सट्टा कारोबार में नंबर वन बताया गया है। इस गंभीर विषय पर दीपक बैज ने सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन ही नहीं, बल्कि सभी तरह के आपराधिक और भ्रष्ट मामलों में यह सरकार नंबर वन बन गई है।
महादेव सट्टा एप और भ्रष्टाचार
बैज ने याद दिलाया कि 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने महादेव सट्टा एप को कांग्रेस शासन के दौरान भ्रष्टाचार का प्रतीक बताया था। विडंबना यह है कि अब यही एप भाजपा की 'डबल इंजन' सरकार में फल-फूल रहा है। उनका आरोप है कि सट्टा एप अब आय का एक अवैध जरिया बन गया है, जिसके कारण छत्तीसगढ़ इस कारोबार में देश में पहले स्थान पर आ गया है।
उन्होंने जोर देकर पूछा कि यदि राज्य में 'डबल इंजन' की सरकार है, तो फिर इतना बड़ा ऑनलाइन सट्टा एप बंद क्यों नहीं हुआ? यह सीधे तौर पर कानून-व्यवस्था की विफलता और भ्रष्टाचार के चरम पर पहुँचने का प्रमाण है। डीजी कॉन्फ्रेंस का हवाला देते हुए बैज ने कहा कि यह इस बात का सबूत है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त (Collapsed) हो चुकी है, जिसके समाधान के लिए केंद्र को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है।
अमित शाह के सीजी दौरे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष के तंज...पीसीसी चीफ दीपक बैज का तंज: छत्तीसगढ़ भाजपा में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद गुटबाजी चरम पर है। उन्होंने कहा कि इसी कारण केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को डैमेज कंट्रोल के लिए रायपुर का दौरा करना पड़ रहा है। वरिष्ठ विधायकों की नाराजगी: बैज ने दावा किया कि भाजपा के कई वरिष्ठ विधायक मंत्रिमंडल विस्तार से नाराज हैं, जिसके चलते पार्टी में आंतरिक उथल-पुथल की स्थिति बनी हुई है। नक्सली आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ सवाल: बैज ने हालिया नक्सली आत्मसमर्पणों को सरकार द्वारा 'इवेंट की तरह पेश करने का आरोप लगाया और 103 नक्सलियों का पूरा प्रोफाइल सार्वजनिक करने की मांग की। ऑनलाइन सट्टा और कानून-व्यवस्था: उन्होंने कहा कि एनसीआरबी (NCRB) रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ सट्टा कारोबार में नंबर वन है। बैज ने आरोप लगाया कि 'डबल इंजन' की सरकार में भी महादेव सट्टा एप का फलना-फूलना कानून-व्यवस्था की विफलता और भ्रष्टाचार को दर्शाता है। चुनाव आयोग पर प्रोपोगेंडा का आरोप: बैज ने रायपुर ग्रामीण (Raipur Rural) को एसआईआर (SIR) पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुनने पर सवाल उठाए, और कहा कि यह केवल एक विशेष क्षेत्र को निशाना बनाकर चुनावी प्रोपोगेंडा करने जैसा है। |
चुनाव आयोग पर प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप
रायपुर ग्रामीण को चुनाव आयोग ने एसआईआर (SIR - Systematic Intervention for Registration) पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना है। इस निर्णय पर भी पीसीसी चीफ दीपक बैज ने चुनाव आयोग और सरकार पर 'प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप लगाया है।
बैज ने सवाल उठाया कि रायपुर में तीन और विधानसभा क्षेत्र हैं, तो सिर्फ रायपुर ग्रामीण को ही क्यों चुना गया? उन्होंने कहा कि 2003 के बाद औद्योगिक विकास हुआ, जिसके परिणामस्वरूप नए मतदाता जुड़े। ऐसे में, इन मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काटना सही नहीं है।
उनका सीधा आरोप है कि चुनाव आयोग एक विशेष क्षेत्र को निशाना बनाकर एसआईआर के तहत प्रोपोगेंडा कर रहा है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के लिए उचित नहीं है। इस तरह के कदम चुनावी निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े करते हैं।
यह खबरें भी पढ़ें...