एसपी सहित 29 जवानों की 15 साल पहले हत्या में शामिल नक्सली कमांडर मारा गया

छत्तीसगढ़ में 15 साल पहले 2009 में हुए दिल दहला देने वाले हत्याकांड में तत्कालीन राजनांदगांव एसपी विनोद कुमार चौबे सहित 29 जवान शहीद हो गए थे। मुठभेड़ में मारा गया नक्सली रूपेश उस हमले में सेक्शन कमांडर के रूप में शामिल हुआ था।

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Marut raj
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 Chhattisgarh Rajnandgaon police force Massacre case : छत्तीसगढ़ में 15 साल पहले हुए पुलिस फोर्स हत्याकांड में शामिल नक्सली कमांडर को पुलिस ने मार गिराया है। साल 2009 में हुए दिल दहला देने वाले हत्याकांड में तत्कालीन राजनांदगांव एसपी विनोद कुमार चौबे सहित 29 जवान शहीद हो गए थे। 

25 लाख रुपए का इनाम था घोषित

इस वारदात में नक्सली कमांडर रूपेश उर्फ कोलू शामिल था। उस पर 25 लाख रुपए का इनाम घोषित था। हत्याकांड के 15 साल बाद कोलू को अबूझमाड़ में हुई मुठभेड़ में फोर्स ने मार गिराने में सफलता पाई है।

कोलू के साथ दो और नक्सली कमांडर मारे गए हैं। इनमें 8 लाख रुपए की इनामी सरिता उर्फ बसंती तथा 8 लाख का इनामी सुखलाल टेकाम शामिल है।

बस्तर आईजी पी. सुंदरराज के अनुसार बस्तर में तैनात संयुक्त फोर्स अबूझमाड़ में 'माड़ बचाओ अभियान' चला रही है। उनका कहना है कि 22 सितंबर से शुरू हुई इस मुठभेड में तकरीबन 122 घंटे बाद फोर्स ने रूपेश, कोलू और सुखलाल को घेर लिया था।

उनसे सरेंडर करने के लिए कहा गया था। मौके पर इन तीनों कमांडरों के अलावा बड़ी संख्या में नक्सलियों का जमावड़ा था।

बड़ी संख्या में नक्सली घायल

सरेंडर करने के बजाय नक्सलियों की ओर से फायरिंग शुरू हो गई। इस पर फोर्स ने ताबड़तोड़ जवाबी कार्रवाई को अंजाम दिया। फायरिंग के बाद सर्चिंग में तीनों वर्दीधारी नक्सली कमांडरों के शव बरामद हुए।

इसके अलावा काफी बड़े इलाके में खून के निशान भी मिले हैं। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि फायरिंग के दौरान बड़ी संख्या में नक्सली घायल हुए हैं।

मौके से फोर्स ने एक-एक एके-47 और इंसास राइफल के अलावा दो कार्बाइन तथा कई बंदूकें और भारी मात्रा में गोलियां एवं गोला-बारूद बरामद किया है।

भरी बरसात में घने जंगल के भीतर चले इस माड़ बचाओ ऑपरेशन में  नारायणपुर, दंतेवाड़ा और कोंडागांव डीआरजी के अलावा बीएसएफ और एसटीएफ छत्तीसगढ़ के कमांडो भी शामिल थे।

सेक्शन कमांडर के रूप में शामिल हुआ था रूपेश

आईजी सुंदरराज के अनुसार इस अभियान को बड़े नक्सली कमांडरों के मारे जाने की वजह से एक सफल ऑपरेशन माना जा रहा है। अफसरों का कहना है कि रूपेश के खिलाफ छत्तीसगढ़ तथा गढ़चिरौली में 66 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

वहीं, मारी गई महिला कमांडर सरिता उर्फ बसंती तथा सुखलाल टेकाम के खिलाफ भी तीन-तीन दर्जन केस दर्ज होने की बात सामने आ रही है।

अफसरों ने बताया कि जिस मदनवाड़ा एनकाउंटर में आईपीएस विनोद कुमार चौबे सहित 29 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे, रूपेश उस नक्सली हमले में सेक्शन कमांडर के रूप में शामिल था।

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