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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के माना नवोदय विद्यालय में एक गंभीर घटना ने शिक्षा जगत को झकझोर दिया है। विद्यालय के हॉस्टल में बच्चों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है, जिसमें एक ज्योग्राफी शिक्षक पर छात्रों को पीटने का आरोप लगा है। इस घटना की सूचना मिलते ही छत्तीसगढ़ बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले का संज्ञान लिया और दोषी शिक्षक के निलंबन की अनुशंसा की है।
बच्चों पर शिक्षक की बर्बरता
माना नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में रहने वाले बच्चों ने बताया कि ज्योग्राफी शिक्षक ने उनकी पिटाई की, जिसके परिणामस्वरूप एक छात्र के हाथ में फ्रैक्चर और पैर में गंभीर चोटें आईं। घटना की गंभीरता को देखते हुए विद्यालय की प्राचार्या ने तुरंत पीड़ित बच्चे का मेडिकल जांच करवाया। एक्स-रे रिपोर्ट में हाथ में फ्रैक्चर और पैर में चोट की पुष्टि हुई, जिसने इस मामले की गंभीरता को और उजागर किया।
बाल आयोग की त्वरित कार्रवाई
सूचना मिलते ही बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने तत्काल माना नवोदय विद्यालय का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित बच्चों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उनकी आपबीती सुनी और घटना की पूरी जानकारी जुटाई। प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए ज्योग्राफी शिक्षक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए डॉ. शर्मा ने शिक्षक के तत्काल निलंबन की अनुशंसा की। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए रायपुर की बाल कल्याण समिति के एक सदस्य को जांच टीम में शामिल किया जाए।
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बाल अधिकारों की रक्षा के लिए कड़ा रुख
डॉ. वर्णिका शर्मा ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "बच्चों के अधिकारों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्कूल और हॉस्टल बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान होने चाहिए, जहां उनकी शारीरिक और मानसिक सुरक्षा सुनिश्चित हो। इस तरह की घटनाएं अस्वीकार्य हैं।" उन्होंने दोषी शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि इस मामले की गहन और निष्पक्ष जांच की जाएगी ताकि पीड़ित बच्चों को न्याय मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
जांच और आगे की कार्रवाई
बाल आयोग ने इस मामले में त्वरित और पारदर्शी जांच का भरोसा दिलाया है। जांच प्रक्रिया में बाल कल्याण समिति के सदस्य की भागीदारी से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी तथ्यों की गहराई से पड़ताल हो। इसके साथ ही, आयोग ने विद्यालय प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। इस घटना ने नवोदय विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा और शिक्षकों की जवाबदेही पर सवाल खड़े किए हैं।
सुरक्षित शिक्षा का माहौल जरूरी
यह घटना शिक्षा संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के महत्व को रेखांकित करती है। स्कूल और हॉस्टल बच्चों के लिए एक सुरक्षित और प्रेरणादायक माहौल प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। इस तरह की घटनाएं न केवल बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि उनके मानसिक और भावनात्मक विकास पर भी गहरा प्रभाव डालती हैं।
रायपुर नवोदय विद्यालय | बच्चों की पिटाई | navodaya Vidyalaya
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