सरकारी स्कूल में बच्चों से धान बिनवाया... परिजनों ने स्कूल में जड़ा ताला

Chhattisgarh Government Schhol : छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने-लिखाने की बजाय, उनसे क्लास रूम में धान बिनवाया जा रहा है।

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Kanak Durga Jha
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छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने-लिखाने की बजाय, उनसे क्लास रूम में धान बिनवाया जा रहा है। शिक्षक खुद धान बीनते नजर आ रहे हैं। वीडियो भी सामने आया है। मामला बम्हनीडीह के सिलादेही प्राथमिक स्कूल का है। 

वहीं, बालोद में सरकारी स्कूल में शिक्षकों की कमी से छात्रों के पेरेंट्स परेशान हैं। अभिभावक अपने बच्चों को लेकर स्कूल पहुंचे। इस दौरान स्कूल में ताला जड़ दिया। साथ ही उन्होंने स्कूल के बाहर पीपल के पेड़ की छांव में बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है।

पहला मामला- जांजगीर में बच्चों से बिनवा रहे धान

दरअसल, पहला मामला जांजगीर-चांपा के बम्हनीडीह विकासखंड के सिलादेही प्राइमरी स्कूल में छोटे बच्चों से मजदूरों की तरह काम कराया जा रहा है। सिलादेही प्राइमरी स्कूल के सहायक टीचर गोपी कुमार तिवारी चौथी और पांचवीं क्लास के बच्चों को पढ़ाना छोड़कर धान बिनवा रहे हैं। इसका वीडियो वायरल हो रहा है।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद जिला पंचायत उपाध्यक्ष और शिक्षा समिति के अध्यक्ष गगन जयपुरिया ने स्कूल का निरीक्षण किया। वहां उन्होंने देखा कि बच्चे क्लास में धान बीन रहे हैं। जयपुरिया ने जब बच्चों से पूछा तो उन्होंने बताया कि टीचर ने सभी को धान बीनने के लिए कहा था, इसलिए वह काम कर रहे हैं।

 

बच्चों से धान बिनवाया जा रहा- जांजगीर-चांपा के सिलादेही सरकारी स्कूल में टीचर ने बच्चों से खेत का धान बिनवाया, वीडियो वायरल हुआ।

शिक्षक ने माफी मांगी- पकड़े जाने पर शिक्षक गोपी कुमार तिवारी ने गलती मानी और माफी मांगी।

अधिकारियों ने किया निरीक्षण- जिला पंचायत उपाध्यक्ष गगन जयपुरिया ने स्कूल पहुंचकर स्थिति देखी और बच्चों से पूछताछ की।

अभिभावकों में नाराजगी- पेरेंट्स और पंचायत प्रतिनिधियों ने घटना पर नाराजगी जताई और शिक्षक पर कार्रवाई की मांग की।

बाल अधिकारों का उल्लंघन- स्कूल में पढ़ाई की बजाय मजदूरी कराना बच्चों के अधिकारों का सीधा उल्लंघन बताया गया।

 

टीचर गोपी कुमार मांगने लगा माफी

इस दौरान शिक्षा समिति के अध्यक्ष ने गगन जयपुरिया ने टीचर से पूछा कि ये धान किसका है, तो शिक्षक ने बताया कि ये धान उनके खेत का है। इस पर जयपुरिया ने टीचर से कहा कि आपको शर्म नहीं आती। इसके बाद टीचर माफी मांगने लगा। इसके बाद वह दूसरे क्लास में गए। यहां भी बच्चे धान बीन रहे थे।

पंचायत प्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी

इस घटना के सामने आने के बाद पंचायत प्रतिनिधियों और अभिभावकों में नाराजगी है। उनका कहना है कि बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी जिस शिक्षक पर है, वही बच्चों से काम करवा रहा है। यह बाल अधिकारों का घोर उल्लंघन है। शिक्षा के नाम पर धोखा है। उन्होंने शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

 

 

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