बच्चों के सवाल सीएम के जवाब : बोले- मेरे हिस्से में शरारत नहीं आईं, तुम जरूर शरारतें करना

सीएम ने बच्चों के सवाल पर कहा कि गांव और शहर में कोई अंतर नहीं होता बस पढ़ाई के लिए मेहनत करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने धमतरी जिले में जिला प्रशासन के मिशन अव्वल, मेधावी विद्यार्थी  सम्मान समारोह में बच्चों की जिज्ञासाओं का समाधान किया...

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Arun tiwari
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बच्चों के सवाल सीएम के जवाब : धमतरी में स्कूल के बच्चों की क्लास सीएम सर ने ली। बच्चों के सवाल थे तो सीएम सर के जवाब। एक बच्ची ने सीएम विष्णुदेव साय से सवाल किया कि क्या आप स्कूल के समय में शरारती थे। तो सीएम ने बड़ा भावुक जवाब दिया। सीएम ने कहा कि उनके हिस्से में शरारतें नहीं आ पाईं क्योंकि हालत कुछ ऐसे थे। लेकिन बच्चो तुम जरूर शरारतें करना, यह यादें जीवन भर के लिए होती हैं। सीएम ने कहा कि गांव और शहर में कोई अंतर नहीं होता बस पढ़ाई के लिए मेहनत करनी चाहिए। मुख्यमंत्री धमतरी जिले में जिला प्रशासन के मिशन अव्वल, मेधावी विद्यार्थी  सम्मान समारोह में बच्चों की जिज्ञासाओं का समाधान कर रहे थे। 

वेदिका ने पूछा शरारत का सवाल

कुरुद से आई कक्षा दसवीं की छात्रा वेदिका देवांगन ने मुख्यमंत्री से पूछा कि जैसे सारे बच्चे स्कूल लाइफ में शरारती होते हैं। वैसे ही आप भी शरारती थे क्या। मुख्यमंत्री ने कहा कि वेदिका आपने बहुत अच्छा प्रश्न किया। शरारत तो बचपन में करते ही हैं लेकिन मेरे साथ अलग परिस्थितियां थीं। दस साल की उम्र में ही पिता का साया उठ गया था। परिवार में मैं सबसे बड़ा बेटा था, उस समय मैं चौथी कक्षा में था। पूरे परिवार का भार मुझ पर आ गया। खेतीबाड़ी देखना, समाज देखना, घर वालों को देखना, यह सब मेरे जिम्मे आया। पढ़ाई तो की, शरारत करने का मौका नहीं मिल पाया। बचपन से ही जिम्मेदारी संभाली इसलिए परिस्थिति अलग थी। हमेशा सोचता था कि पढ़ाई कैसे करूं, घर को कैसे देखूं। मेरा छोटा भाई एक साल का ही था। सबको संभालना था, लेकिन आपसे कहता हूँ कि शरारत भी जरूर करें, यह सब बचपन की यादें रहती हैं।

सविता ने पूछा- क्या गांव की पढ़ाई शहरों से पीछे है 

एकलव्य विद्यालय की सविता सोरी ने मुख्यमंत्री से पूछा कि क्या यह सच है कि गांव के स्कूल पढ़ाई में शहर से पीछे होते हैं। आप भी तो गांव से हैं क्या यह सही है। मुख्यमंत्री साय ने सविता को उत्तर देते हुए कहा कि मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ कि गांव के स्कूल पढ़ाई में शहरों से पीछे होते हैं। गांव और शहर की बात नहीं है। जहां भी शिक्षक अच्छे मिल जाते हैं वहां पढ़ाई का स्तर अच्छा हो जाता है। जैसा मैंने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं। किसी स्कूल में एक शिक्षक भी बहुत अच्छे हैं तो पूरे स्कूल का शैक्षणिक स्तर अच्छा हो जाता है। हमारे समय में मैट्रिक होती थी। गांव के स्कूल में पढ़ने के बावजूद भी मैंने अपने स्कूली जीवन में दसवी कक्षा तक अनेक बार पूर्णांक लाये हैं। दीक्षा साहू ने अपने प्रश्न में पूछा कि मुझे सिविल सेवा में जाना है मुझे क्या करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने दीक्षा को कहा कि आपकी इच्छा शक्ति दृढ़ होनी चाहिए और मेहनत खूब करनी चाहिए। आपको निश्चित ही अच्छा परिणाम मिलेगा।

सीएम विष्णुदेव साय बच्चों के सवाल सीएम के जवाब मुख्यमंत्री धमतरी जिले में