सीएम साय ने सांय-सांय बदले 70 लाख राशन कार्ड, बघेल को बाहर कर भगवा रंग पर लगी मोदी और साय की तस्वीर

छत्तीसगढ़ में राशन कार्ड से विष्णु इन और भूपेश आउट हो गए हैं। राशन कार्ड से भूपेश बघेल को आउट करने के लिए ही साय ने ये सांय-सांय काम किया है। पहले पेज पर भी मोदी और आखिरी पेज पर भी मोदी। यानी मोदी खुश तो साय भी खुश... 

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Arun tiwari
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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनते ही राजनीति के साथ राशन कार्ड का रंग भी बदल गया है। सियासत भगवा हुई तो राशन कार्ड भी भगवा हो गया। राशन कार्ड तो ठीक है लेकिन उसके अंदर अन्न भी भगवा नजर आ रहा है। सीएम विष्णुदेव साय ने सांय-सांय छत्तीसगढ़ के 70 लाख राशन कार्ड बदल डाले। बचे खुचे सात लाख अगले कुछ दिन में बदल जाएंगे।

कार्ड से विष्णु इन और भूपेश आउट

भगवा राशन कार्ड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सीएम की तस्वीर नजर आने लगी है। राशन कार्ड से विष्णु इन और भूपेश आउट हो गए हैं। राशन कार्ड से भूपेश बघेल को आउट करने के लिए ही साय ने ये सांय-सांय काम किया है। पहले पेज पर भी मोदी और आखिरी पेज पर भी मोदी। यानी मोदी खुश तो साय भी खुश। छत्तीसगढ़ में पिछले ढाई दशक में राशन कार्ड पर पचास करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जा चुके हैं। सरकार बदली तो राशन कार्ड पर तस्वीर बदल गई और नए सिरे से राशन कार्ड की छपाई भी शुरू हो गई। 

भगवा राशन कार्ड पर 10 करोड़ खर्च

नई सरकार ने सरकारी योजनाओं में पुरानी सरकार के चिन्ह हटाने शुरू कर दिए हैं। सबसे पहला काम राशनकार्ड से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की फोटो हटाने का हो रहा है। नई सरकार ने नया भगवा राशन कार्ड छपवा लिया है। इस राशन कार्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की फोटो है। राशन कार्ड के पिछले पेज पर मोदी और साय हैं। प्रदेश में राशनकार्ड धारक 77 लाख लोग हैं जिनमें से अब तक 70 लाख लोगों के राशन कार्ड पर मोदी और साय के फोटो लग गए हैं। बाकी सात लाख लोगों के राशन कार्ड पर मोदी और साय का फोटो लगाने के लिए 15 अगस्त तक का समय दिया गया है। इन 77 लाख राशन कार्ड की छपाई में करीब दस करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। एक राशन कार्ड की कीमत 12 रुपए है। नई सियासत में दो साल पहले आठ करोड़ खर्च कर छापे गए राशन कार्ड रद्दी में शामिल हो गए। 

छत्तीसगढ़ में राशनकार्ड पर सियासत

छत्तीसगढ़ में राशन कार्ड पर सियासत होती रही है। प्रदेश में ढाई दशक से सरकार बदलने के साथ ही राशन कार्ड बदलते रहे हैं। राशन कार्ड की इस अदला-बदली पर 50 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। प्रदेश के गठन के साथ जब अजीत जोगी पहले सीएम बने तो राशन कार्ड पर उनकी तस्वीर आ गई। तीन साल बाद जब चुनाव हुए तो अजीत जोगी की जगह बीजेपी के डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री बन गए। अब राशन कार्ड पर रमन सिंह की तस्वीर आ गई और तीन साल पहले छपे हुए राशन कार्ड रद्दी के भाव चले गए। रमन सिंह के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस राज आया और भूपेश बघेल सीएम बने। अब राशन कार्ड पर भूपेश बघेल और खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह की फोटो छप गई। सरकार फिर बदली और छह महीने पहले बीजेपी की सरकार बन गई। इसका सबसे पहले असर राशन कार्ड पर हुआ। राशन कार्ड भगवा हो गए और उन पर पीएम मोदी और सीएम साय की तस्वीर आ गई। 

एक कार्ड पर 10 रुपए का खर्च

पिछले ढाई दशक में प्रदेश में पांच बार राशन कार्ड बदल चुके हैं। चार बार सरकार बदलीं और पांच बार राशन कार्ड बदल गए। एक राशन कार्ड की छपाई में करीब 10-12 रुपए का खर्च आता है। इस तरह करीब 50 करोड़ रुपए अब तक खर्च हो चुके हैं। यह जनता के टैक्स की कमाई है जो सरकारें अपनी सियासत चमकाने के लिए खर्च करती रही हैं। कानून के जानकार भूपेंद्र खरबंदे कहते हैं कि इस तरह सियासत के लिए जनता की कमाई उड़ाना उचित नहीं है। इस पर कानूनन रोक लगना चाहिए। वे कहते हैं कि एक ऐसा यूनिक राशन कार्ड जारी होना चाहिए जिस पर किसी की तस्वीर न हो। सरकार कोई भी हो राशन कार्ड वही रहना चाहिए। इससे अनावश्यक खर्च भी बचेगा और राशन कार्ड सियासत चमकाने का जरिया भी नहीं बनेंगे।

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