अरुण तिवारी@. RAIPUR. दिल्ली में नई सरकार बनने के साथ ही सीएम विष्णुदेव साय ( CM Vishnudev Say ) को सुशासन का नया मॉडल थमा दिया गया है। यह नया मॉडल जल्द ही छत्तीसगढ़ में लागू किया जा रहा है। इसमें नौकरशाही को जवाबदेह बनाया जा रहा है। आम आदमी की शिकायतों का समाधान 15 दिन में करना होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारी पर पेनाल्टी लगाई जाएगी। जुर्माने की यह राशि उस आवेदक को दी जाएगी जिसकी समस्या का हल निर्धारित समय में नहीं हुआ। हर जिले से लेकर मंत्रालय तक इसके लिए नोडल अधिकारी और अपीलीय अधिकारी तैनात किए जाएंगे। सीएम खुद इस व्यवस्था की मॉनिटरिंग करेंगे।
हर जिले में नोडल अधिकारी
चुनाव के समय छत्तीसगढ़ की नई बीजेपी सरकार ने एक नया स्लोगन दिया था, मोदी की गारंटी और विष्णु का सुशासन। सीएम विष्णुदेव साय ने इस सुशासन मॉडल को बनाने के लिए ही गुड गवर्नेंस की क्लास भी सभी मंत्रियों को अटेंड करवाई थी। सीएम ने गुड गवर्नेंस के लिए नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर ली है। जल्द ही यह व्यवस्था छत्तीसगढ़ में लागू हो जाएगी। अब आपको बताते हैं कि यह नई व्यवस्था आखिर है किस तरह की।
इस नई व्यवस्था में अधिकारियों को आम आदमी के प्रति जवाबदेह बनाया जा रहा है। आम तौर पर यह देखने में आता है कि आम आदमी अपने काम के लिए भटकते रहते हैं। इसी परेशानी को रोकने के लिए अब अफसर जिम्मेदार होंगे। इसके लिए हर जिले में एक नोडल अधिकारी और एक अपीलीय अधिकारी तैनात किए जा रहे हैं।
नोडल अधिकारी को 15 दिन में जनता की शिकायत का समाधान करना जरुरी होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो नोडल अधिकारी पर पेनाल्टी लगाई जाएगी। यह पेनाल्टी उस व्यक्ति को मिलेगी जिसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। समस्या का समाधान न होने पर अपीलीय अधिकारी तक वो शिकायत पहुंचेगी। यह नई व्यवस्था हर जिले से लेकर मंत्रालय रायपुर तक लागू की जा रही है।
किस तरह करेंगे शिकायत
नोडल अधिकारी का नाम और नंबर हर जिला कार्यालय में चस्पा किए जाएंगे। आम आदमी अपनी समस्या लेकर सीधे नोडल अधिकारी कार्यालय पहुंच सकता है। यह शिकायत लिखित अथवा सीएम के जनचौपाल पोर्टल पर भी की जा सकती है। आवेदक की शिकायत पोर्टल में दर्ज की जाएगी। यह शिकायत और उसकी कार्यवाही सीधी ऑन लाइन दिखेगी। जो शिकायतें 15 दिन में पूरी नहीं होंगी उनकी पूरी सूची भी पोर्टल पर नजर आएगी। यह सूची सीधे सीएम सचिवालय की मॉनिटरिंग में होगी।
यदि 15 दिन में शिकायत या समस्या का समाधान नहीं होता तो अपीलीय अधिकारी के पास शिकायत की जा सकती है। जिस विभाग से संबंधित समस्या होगी नोडल अधिकारी उससे कॉर्डिनेट कर उसका हल करेगा। जिन कामों को करने में बजट की जरुरत होगी उसे सरकार के पास भेजा जाएगा। नोडल अधिकारी अपनी तरफ से उस पर नोट लिखेगा कि आखिर समस्या के हल करने में 15 दिन से ज्यादा का वक्त क्यों लगा है। समस्या का समाधान होने पर लोगों को इसकी जानकारी भी दी जाएगी। इतना ही नहीं लोगों से फीडबैक भी लिया जाएगा।
अटल डैशबोर्ड से होगी योजनाओं की मॉनीटरिंग
सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने एक रिपोर्ट तैयार की है। इसके मुताबिक चालीस फीसदी अधिकारी-कर्मचारी समय पर दफ्तर नहीं जाते। यह भी एक बड़ा कारण है जिससे जनता का काम समय पर नहीं हो पाता। इसके लिए सरकार अब हाईटैक होने जा रही है। हर दफ्तर में बायोमैट्रिक मशीन लगाई जाएगी जिसमें हर सरकारी नुमाइंदे के आने जाने का समय दर्ज होगा। इसके अलावा सरकार में भी आईटी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए 266 करोड़ का बजट मंजूर किया गया है।
सरकार सुशासन लाने के लिए आईटी का बड़े पैमाने में इस्तेमाल करेगी। जनकल्याणकारी योजनाओं से मॉनिटरिंग से लेकर वित्तीय प्रबंधन्, करों की वसूली, भूमि संबंधी रिकार्ड का पंजीयन, संधारण और संशोधन समेत सभी जरूरी क्षेत्रों में आईटी का इस्तेमाल होगा। सरकार द्वारा लोगों तक शासकीय योजनाओं की पहुंच का दायरा बढ़ाने के साथ ही प्रशासन को मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए यह पहल करने जा रही है। सरकार के बजट में इन सभी विषयों को शामिल किया गया है। जनकल्याणकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए अटल डैशबोर्ड की शुरूआत की गई है।
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