RAIPUR. छत्तीसगढ़ में पीएम आवास पर सियासत जारी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने विधानसभा में माना है कि केंद्र सरकार ने पीएम आवास के लिए एक पैसा भी नहीं दिया है। इस पर अरुण साव ने पलटवार किया है। साव ने कहा कि छह महीने में सरकार तीस हजार से ज्यादा गरीबों के घर बना चुकी है। कांग्रेस सिर्फ भ्रम फैलाने का काम कर रही है।
सरकार का पलटवार
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार गरीबों को आवास दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। पूर्ववर्ती सरकार के समय प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत दिसम्बर-2023 के पहले हर महीने 1680 के औसत से आवास बनते थे, जबकि जनवरी-2024 से जून-2024 तक राज्य में हर माह 5018 के औसत से 30 हजार 105 आवासों के निर्माण पूर्ण किए गए हैं। साव ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत इस साल जनवरी से जून तक 165 करोड़ 30 लाख रुपए का केन्द्रांश और 94 करोड़ 13 लाख रुपए का राज्यांश स्वीकृत किया गया है। योजना के तहत कुल 358 करोड़ 22 लाख रुपए का भुगतान हितग्राहियों को किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में शहरी क्षेत्रों में आवासों का निर्माण लगातार जारी है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने पर ग्रामीण क्षेत्रों में भी आवास निर्माण में तेजी आएगी।
कांग्रेस ने लगाया था ये आरोप
वहीं पीएम आवास के मसले पर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि विधानसभा में उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने माना है कि केंद्र ने प्रधानमंत्री आवास के लिए 1 रुपए भी नहीं दिया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी तब मोदी सरकार ने राज्य के 7 लाख आवासों को रद्द कर दिया था। यह तर्क दिया था कि राज्यांश देरी से जमा हुआ है। जबकि राज्य सरकार ने 800 करोड़ राज्यांश जमा किया था। उस समय राज्य को केंद्र से 50 हजार करोड़ विभिन्न मदों में लेना था। छत्तीसगढ़ ही नहीं तब आधा दर्जन राज्यों के मकान रद्द किए गए थे। तब भूपेश सरकार ने अपनी तरफ से नये सिरे से मकानों की स्वीकृति दी थी। 7 माह में साय सरकार ने एक भी नया प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत नहीं किया है।
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