रायपुर में भारतमाला परियोजना में हुए सैकड़ों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। परियोजना से प्रभावित कोलर गांव के दस्तावेजों की पड़ताल में तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुर्रे और पटवारी सचिन खुदशाह के कार्यकाल में बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया। इस फर्जी तरीके से निकाले गए मुआवजे की राशि में से चार करोड़ 63 लाख रुपये सीधे मुख्य आरोपित हरमीत खनूजा के खातों में जमा किए गए।
ये खबर भी पढ़िए...Monsoon 2025 : जोरदार बारिश के साथ मानसून की एंट्री... येलो अलर्ट जारी
अधिकारियों ने किया बड़ा घोटाला
घोटाला करने वाले अधिकारियों ने पहले मनीष अग्रवाल के नाम पर जारी डायवर्सन आदेश का उपयोग किया। यह आदेश खसरा नंबर 68 के लिए था, लेकिन इसी आदेश क्रमांक को दिखाते हुए खसरा नंबर 305 का बटांकन 24 टुकड़ों में किया गया। लगभग 40-45 लाख रुपये का मुआवजा 17 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। भू-स्वामियों यशवंत, सुधा, सुरेखा, वर्षा और तुलसीराम के नाम बकायदा खसरा पांचशाला के मैनुअल रिकार्ड में चढ़ाए भी गए, जबकि खसरा नंबर 305 का कोई आवेदन या केस पंजीकृत ही नहीं था।
ये खबर भी पढ़िए...बांग्लादेशी महिलाएं छत्तीसगढ़ में चला रही सेक्स रैकेट का धंधा... हुआ बड़ा खुलासा
खनूजा ने खुद को बना लिया अभिभावक घोटाले के साजिशकर्ता हरमीत सिंह खनूजा ने नाबालिग बच्चों के नाम पर जमीन दर्ज कराकर स्वयं को उनका अभिभावक घोषित करा लिया और करोड़ों रुपये की मुआवजा राशि सरकारी खजाने से अपने खाते में डलवा ली। मामला कोलर गांव के खसरा नंबर 305 का है, जहां अधिसूचना जारी होने के बाद भी जमीन के 24 टुकड़े कर परिवार समेत अलग-अलग लोगों के नाम दर्ज किए गए, जिनमें से नौ भूखंड नाबालिगों के नाम पर थे। हरमीत सिंह खनूजा को इन नाबालिगों का अभिभावक घोषित किया गया और चार करोड़ 63 लाख रुपये का मुआवजा उसके खाते में डाल दिया गया।
ये खबर भी पढ़िए...केमिकल प्रोडक्शन में अब धांधली... एक ही पते पर कई फैक्ट्रियां
ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
संभागायुक्त को हुई शिकायतों में राजफाश पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा सरकारी दस्तावेजों के आधार पर हो रहा है। संभागायुक्त के पास आई दावा आपत्तियों की जांच में यह राजफाश हो रहा है। शिकायतों की जांच पर संभागायुक्त महादेव कावरे ने मामले की शिकायत पर जांच और कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
17 मुआवजे का भुगतान एक ही बैंक में इस घोटाले में 62 मुआवजा प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें से 17 का भुगतान आइसीआइसीआइ बैंक में कराया गया। वजह यह है कि हरमीत की पत्नी का भाई इसी बैंक में मैनेजर है। खनूजा ने अधिकारियों की मिलीभगत से कागजों में नाबालिगों का झूठा अभिभावक बनकर शासन को करीब 18 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।
ये खबर भी पढ़िए...बस्तर में वन मंत्री के करीबी कर रहे अवैध रेत खनन... पूर्व MLA ने पकड़ी JCB
भारतमाला प्रोजेक्ट | Raipur News | cg raipur news | CG News | cg news update | cg news today