Dantewada Narayanpur Border Police Naxalite Encounter : छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में पुलिस फोर्स को बड़ी सफलता मिली है। इस मुठभेड़ में पुलिस बल ने 30 नक्सलियों को मार गिराया है।
इसके साथ ही मौके से AK-47, एसएलआर सहित अन्य हथियार भी बरामद किए गए हैं। खास बात यह है कि सीएम विष्णुदेव साय भी आज यानी शुक्रवार 4 अक्टूबर को दंतेवाड़ा के दौरे पर थे। उन्होंने मां दंतेश्वरी के दर्शन भी किए।
दोनों तरफ से हो रही फायरिंग
छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले के बॉर्डर पर पुलिस ने नक्सलियों को घेर लिया था। इसमें फोर्स ने 30 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता पाई है।
आईजी सुंदरराज पी. के अनुसार 28 शव बरामद कर लिए गए हैं। उन्होंने इसे अब तक का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन बताया है। तकरीबन 6 महीने पहले कांकेर में हुई मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए थे।
जानकारी के अनुसार अबूझमाड़ के जंगल में तकरीबन 2 घंटे दोनों तरफ से फायरिंग हुई। ज्ञात हो कि एक दिन पहले नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले से जवानों को नक्सल ऑपरेशन पर भेजा गया है।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों पुलिस फोर्स ने सुकुमा जिले में भी नक्सलियों को घेर लिया था। हालांकि, इसमें पुलिस को बड़ी सफलता हासिल नहीं हुई थी,लेकिन नक्सलियों पर नकेल कसने में पुलिस कामयाब रही थी।
यहां उल्लेखनीय है कि राज्य में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। बड़ी संख्या में नक्सली पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए हैं।
आज ही सीएम साय भी दंतेवाड़ा दौरे पर गए थे
सीएम विष्णुदेव साय शुक्रवार को ही दंतेवाड़ा दौरे पर गए थे। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह के साथ 167.21 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया।
आदिवासी महिलाओं को सौंपी बसों की चाबी
दंतेवाड़ा के गोंगपाल और इंद्रावती नदी के उस पार बसे चेरपाल गांव बेहद संवेदनशील हैं।नक्सलियों की यहां अक्सर मौजूदगी रहती है। यात्री वाहनों को नक्सली नुकसान पहुंचाते हैं। नक्सली आतंक के चलते प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने इन इलाकों में बस चलाने से इनकार कर दिया था।
ऐसे में आदिवासी महिलाओं ने बसें चलाने का जिम्मा उठाया है। गोंगपाल और चेरपाल गांव की महिलाओं को एक-एक बस दी गई है।
नवरात्रि के दिन मां दंतेश्वरी की पूजा करने के बाद सीएम विष्णुदेव साय ने 2 अलग-अलग गांवों की महिला स्व-सहायता समूहों को 2 बसें दी हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही 3 और बसें भी दी जाएंगी। यह पहली बार होगा, जब बस्तर में कोई महिला समूह बस चलाएगा।