Raipur. छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार हिंसा मामले में कांग्रेस के भिलाई से विधायक देवेंद्र यादव को पुलिस ने नोटिस भेजा है। उन्हें 9 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया है। नोटिस में लिखा है कि आपकी अनुपस्थिति को जांच में असहयोग माना जाएगा। देवेंद्र यादव 10 जून को हुई हिंसा के दिन समाज के प्रदर्शन गए थे।
क्यों मिला नोटिस
बलौदा बाजार में जिस दिन प्रदर्शन था, उसमें देवेंद्र यादव शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने इसका वीडियो पोस्ट किया था। हिंसा की खबरों के बाद से उपस्थिति पर सवाल उठ रहे थे। छत्तीसगढ़ सरकार के तीन मंत्री दयालदास बघेल, टंकराम वर्मा और श्याम बिहारी जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव और बिलाईगढ़ विधायक कविता प्राण लहरे पर सतनामी समाज के लोगों को भड़काने का आरोप लगाया था। इस दौरान मंत्रियों ने इन नेताओं के विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरें जारी करते हुए मामले की न्यायिक जांच की बात कही थी।
The Sootr ने की देवेंद्र यादव से बात
The Sootr के सवालों का जवाब देते हुए विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि सतनामी समाज के कार्यक्रम में गया थाI सामाजिक विरोध प्रदर्शन में जाना गुनाह नहीं हैI मेरा आज भी यही मानना है कि बेगुनाहों को धारा 307 लगाकर जेल भेजा जा रहा हैI पुलिस की कार्रवाई में पारदर्शिता नहीं हैI सरकार उनकी- पुलिस उनकीI पुलिस का नोटिस मिला हैI पारिवारिक कार्यक्रम में दिल्ली जाना पहले से तय थाI दोपहर तक रायपुर वापस आने की टिकट हैI पुलिस ने सुबह 10 बजे बुलाया है, मैंने दोपहर के बाद किसी भी समय बुला लें, यह सूचना दी हैI पुलिस को सहयोग करने में दिक्कत नहीं हैI जिन लोगों ने गुनाह किया है, उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
बलौदा बाजार में आगजनी और तोड़फोड़
10 जून को प्रदर्शन के दौरान भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने बलौदा बाजार कलेक्ट्रेट और एसपी दफ्तर को आग के हवाले कर दिया था। पुलिस ने घटना के बाद 20 जून तक इलाके में धारा 144 लागू रखी। घटना के बाद जांच के दौरान 155 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया था।
क्या है पूरा मामला
बलौदा बाजार हिंसा मामले के बाद सतनामी समाज के लोगों की सरकार और प्रशासन के साथ कई बैठकें हुईं। सरकार ने मामले की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था, लेकिन आरोपियों को पकड़ने को लेकर सरकार और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से समाज के लोग संतुष्ट नहीं थे। आपको बता दें कि 10 जून को बलौदा बाजार के दशहरा मैदान में आंदोलन बुलाया गया था। आरोप है कि इसमें में कुछ उपद्रवी शामिल हो गए थे, जिन्होंने मौके का फायदा उठाते हुए एक बड़ी हिंसा की घटना को अंजाम दे दिया।
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