दंतेवाड़ा जिले के गीदम में डॉ देवेंद्र प्रताप को BMO (ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर) नियुक्त करने के बाद एक बार फिर से विवाद की स्थिति बन रही है। कांग्रेस का कहना है कि, मरीजों के साथ हुए दुर्व्यवहार समेत अन्य आरोप इनपर लगे थे। जनता के हित को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस की सरकार में इन्हें हटाया गया था। लेकिन अब भाजपा की सरकार में नेताओं ने अधिकारियों पर दबाव बनाकर इन्हें BMO की कुर्सी पर बिठा दिया है।
भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को बताया गलत
इधर भाजपा ने कांग्रेस के इन आरोपों को गलत बताया है। कहा है कि हॉस्पिटल में राजनीति नहीं होनी चाहिए। वहीं दंतेवाड़ा जिले के CMHO अजय रामटेके ने 4 जुलाई 2025 को एक आदेश जारी कर डॉ देवेंद्र प्रताप को गीदम ब्लॉक का BMO नियुक्त कर दिया। दरअसल, डॉ देवेंद्र प्रताप 2021 में कोविड अस्पताल के प्रभारी थे। शहर के लोगों ने इनपर कोविड मरीज को अस्पताल से बाहर निकालने का आरोप लगाया था और NH-63 पर चक्काजाम कर दिया था।
मामले की होगी जांच
जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर CMHO ने उन्हें पद से हटा दिया था। जिसके बाद मामला शांत हुआ था। गीदम में MCH (मातृ एवं शिशु अस्पताल) को ही कोविड अस्पताल बनाया गया था। डॉ देवेंद्र प्रताप दोनों के प्रभारी थे।
कांग्रेस ने की नियुक्ति का विरोध- कांग्रेस ने डॉ. देवेंद्र प्रताप पर पुराने आरोपों का हवाला देते हुए आपत्ति जताई।
भाजपा ने बताया आरोप निराधार- भाजपा नेताओं ने कहा – अस्पताल को राजनीति से दूर रखें।
कोविड काल का पुराना विवाद फिर चर्चा में- 2021 में कोविड हॉस्पिटल प्रभारी थे डॉ. देवेंद्र प्रताप।
CMHO ने किया नियुक्ति का आदेश जारी- 4 जुलाई 2025 को CMHO अजय रामटेके ने जारी किया आदेश।
जांच के संकेत, कलेक्टर ने कही कार्रवाई की बात- दंतेवाड़ा कलेक्टर कुणाल दुदावत ने कहा – शिकायत मिली तो जांच होगी।
इस मामले के संबंध में दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर कुणाल दुदावत से कहा कि शिकायत मिलने पर मामले की जांच की जाएगी।