रायपुर. छत्तीसगढ़ एसीबी ने अलग-अलग कार्रवाई करते हुए दो लोगों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। दोनों ही मामले स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हुए हैं। एक केस में डॉक्टर गिरफ्तार हुआ है, तो दूसरे केस में क्लर्क को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है।
नर्स से एजुकेशन लीव सेटलमेंट करने मांगे 20 हजार
राजधानी रायपुर में स्वास्थ्य विभाग का क्लर्क सूरज नाग नवा रायपुर स्थित संचनालय में पदस्थ है। वो गरियाबंद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत नर्स नेमिका तिवारी से 2 साल के एजुकेशन लीव के सेटलमेंट के लिए पैसे की मांग कर रहा था। नेमिका तिवारी ने अवकाश अप्रूव कराने के लिए संयुक्त संचालक ( नर्सिंग ) में आवेदन दिया था। सूरज फाइल को आगे बढ़ाने के लिए 20 हजार रुपए की मांग कर रहा था।
उसने एंटी करप्शन ब्यूरो से इसकी शिकायत कर दी। इसके बाद एसीबी की टीम ने जाल बिछाया। शुक्रवार दोपहर क्लर्क सूरज ने नर्स को अपने राजेंद्र नगर स्थित सरकारी घर के पास बुलाया। नेमिका ने एसीबी के दिए 20 हजार कैश को क्लर्क के हाथों में दिया। क्लर्क ने रुपए अपनी जेब में रख लिए।
वाहन बिल के भुगतान के लिए मांगी रिश्वत
सुनील कुमार नाग दंतेवाड़ा ने एंटी करप्शन ब्यूरो जगदलपुर कार्यालय में शिकायत की थी। इसमें बताया था कि बीएमओ कार्यालय दंतेवाड़ा में दो वाहन किराए पर चलवाए जा रहे थे। इनके बिलों का भुगतान जनवरी से अटका पड़ा था। बिलों के भुगतान के लिए बीएमओ डॉ. वेणु गोपाल राव 15 हजार रुपए का रिश्वत मांग रहा। शिकायत सही पाए जाने पर आज एसीबी की टीम ने आरोपी डॉ. वेणु गोपाल राव को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।