छत्तीसगढ़ के दुर्ग के विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) गोविंद साव को अपनी पत्नी को युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया से बचाने के लिए गलत जानकारी देने का मामला भारी पड़ गया। संभाग आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर गोविंद साव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई गोविंद साव के जिम्मेदार पद पर रहते हुए कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही और कूटरचना के गंभीर आरोपों के बाद की गई।
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अतिशेष की श्रेणी से बचाने को दी गलत जानकारी
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दरअसल, गोविंद साव की पत्नी कुमुदनी साव शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला, सेक्टर-9 भिलाई में उच्च वर्ग शिक्षक (हिंदी) के पद पर कार्यरत हैं। बीईओ गोविंद साव ने पत्नी कुमुदनी को अतिशेष की सूची से बचाने के लिए गलतबयानी की। नियमानुसार कुमुदनी अतिशेष की श्रेणी में थीं, लेकिन गोविंद साव ने युक्तियुक्तकरण के लिए तैयार परिशिष्ट-2 में उनकी जानकारी को गलत तरीके से प्रस्तुत कर उन्हें उच्च वर्ग शिक्षक (गणित) बता दिया, ताकि उन्हें अतिशेष सूची से बाहर रखा जा सके।
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कदाचार और सिविल सेवा नियम-1965 का उल्लंघन
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संभाग आयुक्त ने इसे गंभीर कदाचार और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के उल्लंघन मानते हुए गोविंद साव को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1966 के तहत निलंबित कर दिया। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, दुर्ग निर्धारित किया गया है, और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
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