ई-ट्रैक पर होंगे वाहनों के ड्राइविंग टेस्ट, छत्तीसगढ़ में लाइसेंस बनाने की डिजिटल तकनीक

छत्तीसगढ़ में परिवहन विभाग ने ड्राइविंग टेस्ट और लाइसेंस प्रक्रिया का डिजिटलाइजेशन किया है। राज्य के आठ जिलों में ई-ट्रैक स्थापित किए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से वाहन चालकों का ड्राइविंग टेस्ट पूरी तरह पारदर्शी और डिजिटल तरीके से लिया जाएगा।

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Arun Tiwari
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e-track driving test

Photograph: (THESOOTR)

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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में परिवहन विभाग ने वाहन चालकों की योग्यता और सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट और लाइसेंसिंग प्रक्रिया का आधुनिकीकरण किया है। 

राज्य के 8 जिले रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, जगदलपुर, अंबिकापुर, रायगढ़ और कोरबा में ई-ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक (ई-ट्रैक) की स्थापना की जा रही है।

इन आधुनिक ई-ट्रैकों के माध्यम से ड्राइविंग टेस्ट पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी तरीके से लिए जाएंगे। इसका उद्देश्य है कि ड्राइविंग परीक्षण में मानव हस्तक्षेप कम हो, निष्पक्षता बनी रहे और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आए। 

ऐसे होंगे ई ट्रैक 

ई-ट्रैक प्रणाली में वाहन नियंत्रण, लेन अनुशासन, सिग्नलिंग, गति नियंत्रण और सड़क सुरक्षा से जुड़ी तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इसमें लगे डिजिटल सेंसर और कैमरे अभ्यर्थियों की ड्राइविंग क्षमता का सटीक मूल्यांकन करेंगे। इससे डिजिटल लाइसेंसिंग प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होगी और पात्र आवेदकों को समय पर सही परिणाम प्राप्त होंगे।

सरकार कहती है कि यह पहल न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ाएगी बल्कि छत्तीसगढ़ को स्मार्ट परिवहन व्यवस्था की दिशा में आगे ले जाएगी। सुरक्षित और आधुनिक परिवहन व्यवस्था राज्य के लोगों के जीवन में सहजता और भरोसा लाएगी। 

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ऑनलाइन आवेदन और अपॉइंटमेंट

परिवहन सचिव एस प्रकाश ने कहा कि ई-ट्रैक की मदद से योग्य चालकों को प्रमाणित किया जाएगा, जिससे जिम्मेदार ड्राइविंग को बढ़ावा मिलेगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

एस प्रकाश ने बताया कि इन जिलों में ई-ट्रैक शुरू होने के बाद आवेदक ऑनलाइन आवेदन और अपॉइंटमेंट बुकिंग के माध्यम से ड्राइविंग टेस्ट दे सकेंगे। सफल परीक्षण के बाद उन्हें डिजिटल फीडबैक और लाइसेंस जारी किया जाएगा।

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