अरुण तिवारी @ RAIPUR. एग्जिट पोल ( exit poll ) ने कांग्रेसी गुब्बारे की हवा निकाल दी है। अब नेताजी ने फजीहत से बचने का नया रास्ता तलाश लिया है। नेताजी कहते हैं कि ऐसा उन्होंने बिल्कुल नहीं सोचा था कि हमारी सरकार ऐसी निकलेगी की विधानसभा ( Assembly ) तो हराएगी ही लोकसभा ( Lok Sabha ) में भी नाक कटवाएगी। वहीं सरकार में मेडमों की तूती बोल रही है जिससे साहब परेशान हो रहे हैं। सिंहासन छत्तीसी
एग्जिट पोल कुछ कहें जीतेंगे तो हम ही
एग्जिट पोल आने के बाद कांग्रेस के नेताओं की हालत खराब है। महीने भर से बीजेपी से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे कांग्रेसी अब बगलें झांक रहे हैं, लेकिन नेताजी का कान्फिडेंस देखिए, एग्जिट पोल को बीजेपी की सेटिंग बता रहे हैं और खुद की जीत का दावा भी कर रहे हैं। अपनी फजीहत रोकने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बाकायदा फरमान जारी कर दिया है कि टीवी डिबेट में कोई नहीं जाएगा। कुछ नेता तो दबी जबान में कह रहे हैं कि हमको तो पता था कि यही होना है, एग्जिट पोल भी तो वही बता रहा है। अब कब तक सारस की तरह रेत में सिर घुसाकर कब तक सच्चाई से बचेंगे।
मेडम का जलवा,साहब परेशान
छत्तीसगढ़ में इन दिनों मेडमों का जलवा है जिससे साहब परेशान हैं। अधिकांश विभागों की कर्ताधर्ता मेडम ही हैं। मेडमों के दखल से सालों से बड़े विभागों में मलाई काट रहे साहब बेचैन हो रहे हैं। तकनीकी शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वन, पंचायत, एग्रीकल्चर, श्रम, आवास और पर्यावरण, महिला एवं बाल विकास का दायित्व महिला सचिव निभा रही हैं। 2009 बैच की आईएएस अभी सचिव नहीं बनी हैं लेकिन कई विभागों की बागडोर इनके हाथों में है। इस बैच की किरण कौशल पंजीयन विभाग के स्वतंत्र प्रभार में हैं। अगले साल के पहले महीने में इस बैच के अफसरों का प्रमोशन सेक्रेटरी के रुप में हो जाएगा। अगले साल तक डॉ प्रियंका शुक्ला भी सचिव बन जाएंगी। माना जा रहा है कि तक ऋतु सेन की भी छत्तीसगढ़ वापसी हो जाएगी।
आखिर तुम्हे आना है, जरा देर लगेगी
कैट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने आईपीएस जीपी सिंह की बहाली की अपनी तरफ से हरी झंडी दे दी है। प्रदेश सरकार ने महाधिवक्ता से राय मांगी तो उन्होंने भी दो टूक कह दिया कि कैट के फैसले के खिलाफ अपील करने का कोई मतलब नहीं है। प्रदेश सरकार ने अपनी मंजूरी के बाद यह फाइल केंद्र सरकार को भेज दी है। गेंद केंद्र सरकार के पाले में है इसलिए साहब की पोस्टिंग में अभी देर लगेगी। चूंकि यह समय चुनाव का है। अभी चुनाव के परिणाम आना है, नई सरकार का गठन होना है। नई सरकार बनने के बाद शपथ ग्रहण का कार्यक्रम होगा। चीजें व्यवस्थित होने में एक पखवाड़े का समय लग सकता है। इसलिए साहब को छत्तीसगढ़ आने में जरा देर लग सकती है। उनकी पोस्टिंग को लेकर प्रशासनिक गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
अध्यक्षों की खाली कुर्सी को भर्ती का इंतजार
एक तरफ तो भर्ती न होने से बेरोजगार परेशान हैं। तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे संस्थान हैं जिनको अपने अध्यक्ष की भर्ती का इंतजार है। छत्तीसगढ़ पीएससी पर भर्ती का जिम्मा होता है लेकिन इस आयोग का ही अध्यक्ष पद खाली है। प्रभारी चेयरमैन के भरोसा लोक सेवा आयोग काम कर रहा है। दूसरी तरफ राज्य निर्वाचन आयोग के प्रमुख का पद भी सात महीने से खाली है जबकि सात महीने बाद प्रदेश में नगरीय निकाय के चुनाव होने हैं। अब उम्मीद की जा रही है कि आचार संहिता खत्म होने के बाद इन पदों पर सबसे पहले नियुक्ति होगी।