Chhattisgarh Weather Update : छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून मेहरबान है। इस साल प्रदेश के कई इलाकों में अच्छी बारिश हुई तो कुछ सूखे रह गए। प्रदेश में सबसे अधिक बारिश बस्तर संभाग के जिलों में हुई है। जोरदार बारिश होने की वजह से कई जिलों में जलभराव हो गया है। जिसकी वजह से बाढ़ की स्थिति बन गई है। इसके चलते छत्तीसगढ़ का चार पड़ोसी राज्य से सड़क संपर्क टूट गया है। बता दें कि जोरदार बारिश होने के कारण छत्तीसगढ़ का महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और ओड़िसा से संपर्क टूट गया है। वहीं बस्तर के कई अंदरूनी इलाकों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।
बस्तर में बाढ़ जैसे हालात
बस्तर में भयंकर बारिश होने से बाढ़ की स्थिति बन गई है। बारिश से सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और कोंडागांव जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा सुकमा और बीजापुर प्रभवित हुआ है। सुकमा-बीजापुर में लगातार धुआंधार बारिश होने के कारण सुकमा में लोग अपने घरों का सामान लेकर बाहर निकल रहे हैं। यहां बाढ़ के हालात हैं। कई लोगों को राहत कैंप में शिफ्ट किया गया है। सुकमा में 50 से ज्यादा मकान-बाजार डूब गए हैं। वहीं बीजापुर में बारिश और नाले का पानी लोगों के घरों में घुस गया है।
गांवों का शहरों से टूटा संपर्क
बारिश होने के कारण बस्तर संभाग के जिले समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी स्थिति बेहद खराब है। लगातार बारिश होने के कारण राजनांदगांव, धमतरी व कवर्धा समेत कई जिलों की स्थिति चरमरा गई है। राजनादगांव के पदुमतरा से रेगाकटेरा जाने वाली रोड पर बुंदेली के पास सड़क पर बना पुल बह गया। इसके चलते यातायात प्रभावित हुए। वहीं बाढ़ का पानी गांवों में घुसने से जिला मुख्यालय के कई गांव टापू बन गए हैं। यहां राहत और बचाव के लिए प्रशासन ने 17 अस्थायी कैंप खोले हैं। इनमें करीब 250 परिवारों को ठहराया गया है। आसपास के करीब 20 गांव का संपर्क टूटा हुआ है।
ऐसी ही स्थिति धमतरी जिले में देखने को मिली है। जोरदार बारिश होने के कारण कई जगहों पर जल भराव हो गया है। अर्जुनी थाने में पानी भर गया है। पुलिसकर्मी दस्तावेज में लगे हुए हैं। बीती रात थाने में सांप भी घुस गया था। जवानों ने किसी तरह सांप को बाहर निकाला। वहीं बीजापुर-सुकमा में बाढ़ जैसे हालात हो गए है। बारिश से कई गांव प्रभावित हुए है। ऐसे में जवान लागातर अंदरूनी इलाकों में बसे लोगों की मदद कर रहे है। बस्तर में तैनात सुरक्षाबल लोगों की जान बचा रहे है। बारिश में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगह में भेज रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में नदी नाले उफान पर
कुछ दिनों से लगातार बारिश होने के कारण प्रदेश में नदी-नाले उफान पर हैं। सुकमा में शबरी और बीजापुर में इंद्रावती व चिंतावागु नदी उफान पर है। कांकेर शहर के बीच से गुजरने वाली दूध नदी उफान पर है। धमतरी जिले में स्थित गंगरेल डैम में भी पानी लबालब भर गया है। जिसके चलते 9 गेट खोले गए हैं। इधर गरियाबंद में उदंती सीता नदी अभयारण्य क्षेत्र के करलाझर और नागेश ग्राम के कच्चे मार्ग के बीच पड़ने वाले बरसाती नाला उफान पर है। बस्तर इलाके में जोरदार बारिश होने के कारण चित्रकोट जलप्रपात समेत अन्य जलप्रपात यात्रा स्थलों को बंद कर दिया गया हैं।
अब तक इतनों की हुई मौत
जोरदार बारिश के साथ-साथ बिजली गिरने से प्रदेश में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इंसानों के साथ-साथ कई मवेशियों की भी जान जा रही है। भयंकर बारिश के साथ बिजली गिरने से प्रदेश में अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि बलौदाबाजार जिले में बिजली गिरने से 7 लोगों की मौत हुई।
रायपुर में जोरदार बारिश के साथ-साथ बिजली गिरने से दो भाई-बहन की मौत हो गई। बस्तर में सरपंच और सुरक्षाबल पर बिजली गिरने से मौत हो गई। इधर दंतेवाड़ा जिले में बिजली गिरने से ड्यूटी में तैनात दो सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गई। वहीं बस्तर, बालोद और धमतरी में नदी में बह जाने से कई लोगों की मौत हो गई। राजनांदगांव-खैरागढ़ का संपर्क टूट गया है। दूसरी ओर बिजली गिरने से फिर 2 लोगों की मौत हुई है।
ढह गए कई मकान, लोगों का रहना मुश्किल
बता दें कि भयंकर बारिश से बस्तर, धमतरी व राजनांदगाव के इलाकों में कई लोगों के मकान ढह गए। बालोद और सुकमा में बारिश के चलते कई मकान गिर गए हैं। इसकी वजह से लोगों को भारी नुकसान हुआ। वहीं किसानों की फसल भी बर्बाद हो गई। बालोद में रात भर हुई बारिश से ग्राम चिरई में किसान का मकान ढह गया। वहीं सुकमा के चिंतलनार में लगातार हो रही बारिश के कारण दर्जनभर से अधिक मकान ढह गए हैं। बता दें कि बीजापुर में भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है।
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