रायपुर. ईवीएम ( EVM ) का तोड़ निकालने के लिए पूर्व सीएम भूपेश बघेल ( Former Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel ) का प्लान फेल हो गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होंने जो प्लान बनाया था, उसे वह अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में लागू नहीं कर पाए हैं। दरअसल, बघेल का प्लान था कि हर लोकसभा क्षेत्र में 384 से ज्यादा उम्मीदवार उतारने चाहिए, ताकि चुनाव बैलेट पेपर से हों। अब भूपेश खुद राजनांदगांव से चुनाव लड़ रहे हैं। वह राजनांदगांव लोकसभा सीट के लिए ही 385 उम्मीदवार नहीं उतरवा सके। गुरुवार को दोपहर 3 बजे नामांकन खत्म होने के बाद केवल 23 उम्मीदवार मैदान में हैं।
200 का दावा भी पूरा नहीं हो सका
पूर्व सीएम भूपेश बघेल के दावे पर वरिष्ठ कांग्रेसियों ने बुधवार देर रात कहा था कि लगभग 200 नामांकन पत्र खरीद लिए हैं। सुबह ये पता चला कि नामांकन पत्र भी केवल 32 ही खरीदे गए हैं। राजनांदगांव में बघेल का चुनाव प्रचार देख रहे एक नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि इस समय चुनाव लड़ें या उम्मीदवार उतारने में लगे रहें। अन्य सीटों पर देखा जाए तो महासमुंद सीट पर 19 तथा कांकेर में 10 उम्मीदवार ही मैदान में हैं। छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में बस्तर, महासमुंद, राजनांदगांव और कांकेर में नामांकन दाखिल करने का गुरुवार को अंतिम दिन था।
अव्यवहारिक था प्लान
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि कांग्रेस की ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार उतारने की अपील के बाद सरकारी अमला भी बेचैन था। अगर किसी सीट पर 384 प्रत्याशी खड़े हो जाते तो मतपत्र छापना कठिन हो जाता एक बैलेट में 20 प्रत्याशी भी एडजस्ट होते तो बैलेट बुक बनानी पड़ती। इसे मतपेटी में डालना भी कठिन होता। सबसे कठिन काम गिनती का था। चुनाव करवा चुके अफसरों के मुताबिक इतनी बड़ी बैलेट बुक की गिनती में चार-पांच दिन लगते, क्योंकि सील देखने के लिए बैलेट बुक का हर पेज पलटना पड़ता।