छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के पांचवें आयुक्त के तौर पर पूर्व IAS अजय सिंह ने कामकाज संभाल लिया है। 1983 बैच के आईएएस अधिकारी अजय सिंह फरवरी 2020 में सरकारी सेवा से रिटायर हुए थे। छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्ति से पहले वे उपाध्यक्ष, राज्य योजना आयोग के तौर पर काम कर रहे थे। राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने कामकाज संभालने के बाद आयोग के सभी कक्षों का मुआयना किया और आने वाले समय में होने वाले नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन के लिए तैयारियां करने पर जोर दिया है।
सीधी, सीहोर, जबलपुर के कलेक्टर रहे अजय सिंह
अजय सिंह मध्यप्रदेश में सीधी, सीहोर और जबलपुर समेत विभिन्न जिलों के कलेक्टर रहे हैं। जब छत्तीसगढ़ अलग हुआ तो उनको छत्तीसगढ़ कैडर के लिए चुन लिया गया। अजय सिंह को रमन सरकार में 2017 में प्रदेश का चीफ सेक्रेटरी बनाया गया। 2018 में सरकार बदल गई और भूपेश सरकार बन गई। भूपेश बघेल ने उन्हें हटाकर सुनील कुजूर को चीफ सेक्रेटरी बना दिया। अजय सिंह राज्य योजना आयोग जो बाद में नीति आयोग बन गया उसके वे उपाध्यक्ष भी रहे हैं।
दिसंबर में होने हैं निकाय चुनाव
राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति से ये साफ हो गया है कि सरकार नगरीय निकाय चुनावों को टालना नहीं चाहती है। निकायों के परिसीमन का काम भी शुरू हो गया है जो जुलाई में खत्म हो जाएगा। राज्य के नगरीय निकाय चुनाव नवंबर दिसंबर में प्रस्तावित हैं। राज्य सरकार के लिए ये चुनाव नाक का सवाल हैं। इन चुनावों से ये साफ हो जाएगा कि लोग राज्य सरकार से कितने खुश हैं। अभी बीजेपी के पक्ष में माहौल है क्योंकि पिछले पांच महीने में बीजेपी राज्य में सरकार बना चुकी है और लोकसभा में ग्यारह में से दस सीटें जीत चुकी है। बीजेपी इसी माहौल को निकाय चुनाव में कैश कराना चाहेगी। निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति करने में इसीलिए सरकार ने देर नहीं लगाई।