जुआ एक्ट में अब एसीबी और ईओडब्ल्यू को मिला जांच और कार्रवाई का अधिकार

एसीबी और ईओडब्ल्यू को यह अधिकार मिलने से ऑनलाइन जुआ के मामलों में भी तेजी से जांच और प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी। एसीबी और ईओडब्ल्यू अब तक केवल भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितता से जुड़े मामलों में जांच करती रही है।

Advertisment
author-image
Arun tiwari
New Update
Gambling Act
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Raipur : भ्रष्टाचार के साथ अब एसीबी जुआ,सट्टा भी रोकेगी। सरकार ने एसीबी और ईओडब्ल्यू को जुआ एक्ट में जांच और कार्रवाई करने का अधिकार दे दिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार राज्य में जुआ-सट्टा विशेषकर ऑनलाइन गैम्बलिंग पर कड़ाई से रोक और इस मामले में संलिप्त लोगों पर तेजी से प्रभावी कार्रवाई के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने अधिसूचना का प्रकाशन कर छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम 2022 की समस्त धाराओं के अंतर्गत अब एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण (ईओडब्ल्यू) को जांच और कार्रवाई का अधिकार दे दिया है।

एसीबी और ईओडब्ल्यू का दायरा बढ़ा

एसीबी और ईओडब्ल्यू को यह अधिकार मिलने से ऑनलाइन जुआ के मामलों में भी तेजी से जांच और प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी। एसीबी और ईओडब्ल्यू अब तक केवल भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितता से जुड़े मामलों में जांच करती रही है। इस अधिसूचना के प्रकाशन से एसीबी और ईओडब्ल्यू की जांच और कार्रवाई का दायरा और बढ़ गया है। एसीबी और ईओडब्ल्यू को जुआ एक्ट के तहत जांच और कार्रवाई का अधिकार मिलने से इन मामलों की जांच एक ही विंग में होगी। जिससे जांच में आसानी और कार्रवाई में तेजी आएगी। राज्य में जुआ-सट्टा पर प्रभावी तरीके से शिकंजा कसा जा सकेगा।

ऑनलाइन जुआ और सट्टा भी शामिल

छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम में ऑनलाइन जुए को शामिल किया गया है और इस मामले में दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा का प्रावधान और गैर जमानती धाराओं को शामिल किया गया था। अधिनियम में कार्रवाई के लिए कड़े प्रावधान करते हुए जुआ घर का स्वामी होना, जुआ खिलाना, ऑनलाइन जुआ खिलाना,  विज्ञापन प्रतिषेध का उल्लंघन और कंपनी द्वारा अपराध को संज्ञेय और गैरजमानती अपराध बनाया गया है। छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम 2022 में जुआ घर की परिभाषा में ऑनलाइन जुआ प्लेटफार्म शब्द जोड़ा गया है। उपकरण की परिभाषा में इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख, डिवाइस, मोबाइल एप, इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर ऑफ फंड्स शब्द जोड़े गये हैं। पुराने अधिनियम में ऑनलाइन जुआ के लिए दण्ड का कोई प्रावधान नहीं था। अब पृथक से दण्ड का प्रावधान किया गया है। जिसमें अधिकतम 3 वर्ष की जेल एवं 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। बार-बार अपराध के लिए अधिकतम 7 वर्ष तक जेल और 10 लाख तक का जुर्माने हो सकता है।

thesootr links

  द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

सीएम विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ न्यूज जुआ जुआ एक्ट